किस भारतीय राजनीतिक विचारक ने राज्य की आलोचना की है?
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Answer:
MAHATMA. GANDHI
Explanation:
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महात्मा गांधी ने राज्य की आलोचना थी।
Explanation:
जिस राजनीतिक विचारक ने राज्य की आलोचना की थी, उस भारतीय राजनीतिक विचारक का नाम महात्मा गांधी था। गांधीजी का मानना था कि राज्य का गठन किसी नैतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए नहीं होता बल्कि यह एक तरह की संगठित हिंसा है। यह संगठित हिंसात्मक संरचना अपनी दमनकारी शक्ति के द्वारा व्यक्ति के आचरण पर नियंत्रण स्थापित करती है, और मनुष्य के नैतिक बल और उसकी आत्मा का जबरदस्ती हनन और शोषण करती है।
इस तरह गांधीजी के अनुसार राज्य नाम की कोई व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आदर्श राज्य के रूप में राज्य विहीन समाज की स्थापना पर जोर दिया था। गांधीजी के अनुसार जब व्यक्ति अपने जीवन में अहिंसा के आदर्शों को पूरी तरह अपना लेगा और अपने स्वार्थ को तिलांजलि देकर परम सत्य के मार्ग पर चलेगा। अपने विवेक और अपनी अंतरात्मा के अनुसार अपना आचरण और व्यवहार करेगा तो वह एक नैतिक बल के प्रभाव से युक्त हो जाएगा। तब उसे किसी बाहरी नियंत्रण की जरूरत ही नहीं रह जाएगी इसलिए राज्य नामक ऐसी व्यवस्था की जरूरत ही नहीं है। बल्कि ऐसे समाज की जरूरत है, जिसमें उपरोक्त गुणों से युक्त व्यक्ति हों।