किसी भी समाचार के छह आधारभूत तत्व होते हैं जिन्हें हिंदी में क्या कहा जाता है
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muzhe nahi pat konsi std
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समाचार
सामान्य रूप से घटने वाली समस्याएं समाचार है। यहाँ हमारा इरादा उन समाचारों से है जिनका किसी न किसी रूप में सार्वजनिक महत्त्व होता है। समाचार ऐसी सम-सामायिक घटनाओं, समस्याओं और विचारों पर आधारित है जिन्हें जानने की अधिक से अधिक लोगों में दिलचस्पी होती है और जिनका ज्यादा से ज्यादा लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ता हैं।
साधारण रूप से मित्रों, रिश्तेदारों और सहकर्मियों की कुशल-क्षेम और हालचाल का आदान-प्रदान समाचार माध्यमों के लिए समाचार नहीं है, क्योंकि आपसी कुशल-क्षेम हमारा व्यक्तिगत मामला है इसलिए इसमें हमारे नजदीकी लोगों के अलावा अन्य किसी को उसमें दिलचस्पी नहीं हो सकती. इसलिए इसका सावर्जनिक महत्त्व नहीं हो सकता हैं।
1. नवीनता
कोई भी घटना जितनी न्यू होती है इसलिए वो news बनती है। मतलब घटना जितनी नवीन यानि तत्काल, हाल ही में घटित होती है, उसके समाचर बनने की उतनी ही ज्यादा सम्भावना बढ़ जाती है। कहने का मतलब ये है की समाचार वही है जो ताजा घटना के बारे में जानकारी देता है इसलिए किसी भी समाचार के लिए नवीनता उसका पहला तत्व हैं।
2. निकटता
हर समाचार महत्त्व काफी हद तक उसकी स्थानीयता से होता है, क्योंकि पाठक उस समाचार को पढ़ने में विशेष रुचि दिखाते है जो उनके पास का होता है। यही कारण है की पाठक अपने शहर और अपने आसपास के क्षेत्रों के अलावा अपने राज्य और देश के अन्दर क्या हुआ, यह जानने को विशेष रूप से उत्सुक रहते है। इतना ही नहीं, सांस्कृतिक निकटता के कारण विदेशों में बैठे पाठक भारतियों से जुड़ी घटनाओं को भी जानना चाहते हैं।
3. प्रभाव
जब किसी घटना के प्रभाव से उसका समाचारिय महत्त्व निर्धारित होता है। घटित घटना की तीव्रता का अंदाज इस बात से लगाया जाता है की उससे कितने सारे लोग परभावित हो रहे है या फिर कितने बड़े भू-भाग पर इसका असर हो रहा है। इससे उसके समाचार बनने के चांस उतने ही ज्यादा बढ़ जाते है जैसे सरकार के किसी निर्णय से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या 100 के करीब है तो वह उतना बड़ा समाचार नहीं है, जितना की उससे लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या अगर एक लाख हो।
4. जन रुचि
किसी घटना या समस्या के समाचार बनने के लिए यह भी जरुरी है की लोगों की उसमें दिलचस्पी हो। जब पाठकों का एक बड़ा तबका उसके बारे में जानने में रुचि रखता हो तो वह घटना या समस्या एक महत्त्वपूर्ण रूप में समाचार बन जाती हैं।
5. संघर्ष या टकराव
किसी घटना में संघर्ष या टकराव का पहलू होने पर उसके समाचर के रूप में चयन की सम्भावना बढ़ जाती है, क्योंकि लोगों के मन में संघर्ष या टकराव के बारे में जानने की स्वाभाविक दिलचस्पी होती है। इसकी वजह यह है की संघर्ष और टकराव का उनके जीवन पर सीधा असर पड़ता हैं।
6. महत्त्वपूर्ण लोग
मशहूर और जाने-मने लोगों के बारे में जानने की आम पाठकों में स्वाभाविक इच्छा होती है। कई बार किसी घटना से जुड़े लोग के महत्वपूर्ण होने के कारण भी उसका समाचारिय महत्त्व बढ़ जाता है। जैसे प्रधानमंत्री को जुकाम भी हो जाए तो यह अपने आप में एक खास खबर होती है।
7. अनोखापन
अनहोनी घटनाएँ समाचार होती है क्योंकि लोग उनके बारे में जानना चाहते है। उदाहरण के लिए किसी विचित्र बच्चे के पैदा होने की घटना एक अच्छा समाचार बन जाता हैं।
8. उपयोगी जानकारी
बहुत सी ऐसी सूचनाएं भी समाचार मानी जाती है जिनका समाज के किसी विशेष तबके के लिए खास महत्त्व हो सकता है। जैसे स्कूल कब खुलेंगे, किसी खास कालोनी में बिजली कब तक बंद रहेगी आदि। ऐसी सूचनाओं का समाचार के रूप में हमारे रोजमर्रा के जीवन में काफी उपयोग होता है इसलिए उन्हें जानने में पाठक वर्ग की सहज दिलचस्पी होती हैं।
9. पाठक वर्ग
पाठक वर्ग ही तो किसी भी खबर के महत्त्व-अमहत्त्व का निर्धारण करता है। इसलिए समाचार के संगठन ख़बरों का चुनाव करते समय अपने पाठक वर्ग की रुचियों और जरूरतों का विशेष ध्यान रखते हैं।
10. नीतिगत ढांचा
अलग-अलग समाचार संगठनों की खबर के चयन और प्रस्तुति को लेकर एक निति होती है। इस निति का निर्धारण सम्पादक या newspaper का मालिक होता हैं।