Hindi, asked by sarveshkhadye245, 3 months ago

किसी भी देश के विद्यार्थी उस देश के निर्माण तथा विकास का आधार स्तंभ माने जाते हैं। इस
कथन के आधार पर बताएं कि विदयार्थी किस प्रकार अपने देश के निर्माण में सहयोग दे सकते हैं?​

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Answered by Anonymous
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"किसी भी देश के विधार्थी उस देश के निर्माण तथा विकास का आधार स्तंभ माने जाते हैं।" यह कथन प्रायोगिक रूप से एकदम सटीक बैठता है | यदि हमें किसी देश के अंदर की नींव की मजबूती देखनी हो तो उस देश के विद्यार्थियों से मिलना काफी रहेगा जिससे न सिर्फ उस देश की वर्तमान स्थिति अपितु भविष्य की योजनाओं की प्रकृति भी पता चल सकेगी|

किसी भी देश के विकास की नींव उस देश के विधार्थी ही होते हैं क्योंकि वे किताबों में दिये सिद्धांतों के साथ साथ देश की व्यवहारिकता से भी परिचित होते हैं | आज के अच्छे और सच्चे विधार्थी ही भविष्य के वे भावी नागरिक होते हैं जो देश के सामाजिक, आर्थिक, और राजनैतिक विकास में अपना अहम योगदान देकर देश को तरक्की की असीम ऊंचाइयों पर पहुंचाने की क्षमता रखते हैं| समय पर अपने हक का कर जमा कर देश की अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान देना , मतदान कर देश की राजनैतिक व्यवस्था को सही हाथों में देने की जबावदेही और साथ ही साथ अनजान लोगों को भी इसके बारे में सूचित करना, आसपास हो रही अनैतिक गतिविधियों को देखकर नजरंदाज करने के बजाय उसे समाज के सामने लाकर समाज पर पड़ने वाले उसके नकरात्मक प्रभाव और भविष्य में सम्पूर्ण मानव जाति पर पड़ने वाले उसके नुकसान से अवगत कराने का जज्बा इत्यादि एक विधार्थी की परिभाषाओं में से एक है |

उपर्युक्त बिंदुओं के आधार पर हम निश्चित तौर पर ही यह कह सकते हैं कि किसी भी देश के विद्यार्थी उस देश के निर्माण तथा विकास का आधार स्तंभ माने जाते हैं और वे अपने देश के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाते हैं |

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