किसी भी विशेषण पर दो औपचारिक एवं दो अनौपचारिक पत्र लिखें
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औपचारिक पत्र
परीक्षा में सफलता पर छोटे भाई को पत्र।
सी - १४४ , शांतिकुंज,
करोल बाग , नई दिल्ली ।
दिनांक : २०/०८/२०१९
प्रिय सुबोध
चिरंजीवी रहो।
तुम्हारा तुम्हारा परीक्षाफल देखकर हार्दिक पर सदा हुई । शाबाश ! परिश्रम करते चलो इसी प्रकार सफलता मिलती रहेगी। मुझे बहुत खुशी हुई कि तुम्हारा सभी विषयों में ९०+ आया है। मां पिताजी और घर के सारे सदस्य तुम्हारे इस परीक्षाफल से बहुत ज्यादा खुश हैं। इसलिए हम लोगों ने सोचा है की तुम्हें इस बार छुट्टियों में कश्मीर ले जाया जाए। जहां हम सब परिवार जाकर खूब मजे करेंगे । शेष बातें मिलने पर।
तुम्हारा बड़ा भाई,
कुणाल गर्ग
2.पढ़ाई पर ध्यान देने के बारे में पुत्र
को पिता का पत्र :-
ए - २०९ , शक्ति नगर
नई दिल्ली - ७
दिनांक : २०/०८/२०१९
चिरंजीव सुधांशु,
सुखी रहो! विगत 2 माह से तुम्हारा कोई पत्र नहीं आया। इससे पहले एक पत्र मैंने तुम्हें लिखा था कि विद्या से बढ़कर कोई धन संपत्ति नहीं है। इसे अर्जित करने में तुम्हें जी जान से प्रयत्न करना चाहिए।यही और में है पढ़ने लिखने और निश्चिंत होकर विद्या वृद्धि करने की। आज तुम्हारे स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा प्रोषित रिपोर्ट पढ़ कर मुझे बहुत दुख हुआ है।इससे ज्ञात हुआ कि तुम विज्ञान और अंग्रेजी में क्रमश 34% और 36% अंक ही प्राप्त कर सके हो। प्रधानाचार्य ने टिप्पणी के रूप में लिखा है कि आप के लड़के की ना तो कक्षा में उपस्थिति ठीक है , ना छात्रावास में। एक एक पिता के लिए यह कितनी पीड़ा की बात है , तुम समझ सकते हो।अब मैं यही कह सकता हूं कि पिछली भूलों को छोड़ उत्साह और संकल्प से परिश्रम करके अच्छे अंक लाने का प्रयास करोगे तो हमें तो प्रसन्नता होगी ही,तुम स्वयं भी अपने लिए एक उच्चस्तरीय जीवन यापन का मार्ग प्रशस्त कर सकोगे।
घर में सभी को स्नेह दुलार । आशा है निराश नहीं करोगे।
तुम्हारा पिता
गुरुनायक वेद
hope its help you