Music, asked by NirajkumarTodmal, 3 months ago

किसी एक राग की शास्त्रीय जानकारी दिजीए तथा उसके आरोह, अपरोह व पकड लिखीए |
(Ma) Write classical information of any one Raag alongwith Ascending, Descending and Pakad.
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Answered by adityaaryaas
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राग मालकौंस

राग मालकौन्स रात्रि के रागों में बहुत ही लोकप्रिय राग है। इस राग के युगल स्वरों में परस्पर संवाद अधिक होने से इसमें मधुरता टपकती है। इस राग का चलन विशेषतया मध्यम पर केंद्रित रहता है। मध्यम पर निषाद, धैवत तथा गंधार स्वरों पर आन्दोलन करके मींड के साथ आने से राग का स्वतंत्र अस्तित्व झलकता है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में समान रूप से किया जाता है। इस राग की प्रकृति शांत व गंभीर है।

राग मालकौंस ठाठ भैरवी से उत्पन्न माना जाता है.

इस राग की जाति- औडव-औडव है. रे व प वर्ज्य स्वर हैं,

गायन समय रात का तीसरा प्रहर है.

वादी - म, संवादी- सा

इस राग में ग, ध, व नि कोमल लगते हैं

आरोह- सा ग॒ म ध॒ नि॒ सां

अवरोह- सां नि॒ म ग॒ सा

पकड़- ध़॒ नि़॒॒॒ सा म, ग़॒ म ग़॒ सा

विशेषता- इस राग का चलन तीनों सप्तक में एक ही जैसा होता है

इस राग में अगर नि को शुद्ध कर दिया जाए तो यह राग चन्द्रकोश हो जाएगा

इस राग के न्यास के स्वर हैं - सा ग॒ म

इस राग में मींड, गमक और कण का खूब प्रयोग किया जाता है ।

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