किसी एक विषय पर 60 से 80 शब्दो में निबंध लिखिए |
1. अगर देश में पुलिस न होती .......
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देश को हम मातृभूमि कहते हैं। और हमारी भारतीय भूमि हमें सौ सौ स्वर्गो से भी प्यारी है ।इस देश का इतिहास परंपराएं संस्कृति प्राचीन तो है ही लेकिन उज्ज्वल भी हैं। स्वतंत्रता आंदोलन में निखरा हुआ यह देश और उसकी रक्षा हमारे निगेवान नौजवान फौजी दिन-रात करते हैं ।हम उन्हीं के विश्वास के बलबूते पर शांति से निश्चिंत होकर सोते रहते हैं। यह हुई सीमाओं के सुरक्षा की बात लेकिन प्रत्येक संघराज्य की अपनी पुलिस होती है और वह गृह खाता हमारे गृहमंत्री और पुलिस अफसर बड़ी खूबी से चलाते हैं
एक बार सोचो तो अगर इस देश में पुलिस ही न होती तो .....
सामाजिक जीवन में पुलिस का होना बहुत बड़ा योगदान है । कानून के रखवाले पुलिस के सिपाही न होते तो आज समाज के गुंडे तथा दहशतगर्द लोगों ने कानून को माना न होता ।समाज की सुरक्षा न होती फिर पुलिस विभाग का न होना मन को जॅंचता ही नहीं है।
आज रास्ते भीडभाड से भरे पड़े हैं। जहां जाएं वहां यातायात जाम है ।लोग यातायात के नियमों का पालन नहीं करते ।दुर्घटनाएं होती हैं ।लोग नाहक मरते हैं नुकसान होता है ।हर दिन कई न कई निरपराध लोगों की जानें जाती हैं।देखो अगर पुलिस ही खड़ी न होती तो क्या हाल होता ? पुलिस कानून की हिफाजत करती हैं। लोगों को समझा बुझाकर अनुशासन पालन करने के लिए कहती हैं और जो मानते नहीं है उन्ही पर तो कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता होनी ही चाहिए । वह अच्छा काम हमारी पुलिस नेकी से करती है।
टैक्सियां कारें मालगागाडियां बसें ट्रामें मोटर साइकिलें लोकल पुलिस के प्रबंध होने के कारण ही सही जगह है नहीं तो गैरकानूनी यातायात होती। एकही गाड़ी में कितने सारे लोग भरकर चले जाते इसलिए तो चाहिए पुलिस ।
गुंडागर्दी डाका खून खराबा मारपीट दहशत चोर उचक्कों से समाज के लोगों का रक्षण कौन करता ।कुछ लोग या टोलियां आम जनता पर दहशत जमाकर पैसा जमा करते हैं।किसी के जेवरात अलंकार जमीन खेती या घर जबरदस्ती से छीन ले जाते हैं। ऐसे वक़्त पर इन पीड़ित लोगों का संरक्षण कौन करता ?
जनतंत्र है लेकिन स्वतंत्र नहीं है स्वराज नहीं ऐसा होता । पुलिस के सिपाही इन सब का अच्छी तरह से इंतजाम करते हैं।आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका पुलिस निभाती है।
आज कल ऐसे भी लोग हैं कि नारियों पर अत्याचार करते हैं । उन्हें मारते पीटते हैं ।कभी कभी तो सामूहिक अत्याचार में अनेक निर्भया ने अपनी जानें न्योच्छावर की हैं । किसी को जलाया। किसी को कुएं में धकेला जाता है । किसी को धारदार शस्त्रों से मारा ।क्या क्या नहीं करते ये राक्षस नराधम !! इनको ठिकाने लगाने काम पुलिस करती है।
कुछ तो ऐसे हैं कि मुखौटे तो सज्जन के लेकिन मन से काले भ्रूणहत्या गर्भपतन कर बहुत बड़े हत्यारे धवल माथे से समाज में रहते हैं । अगर पुलिस ही न होती तो ? इन सब दुर्जनों के होश ठिकाने लगाने का काम केवल पुलिस करती है।
हरदम मार्चा सभा जुलूस और मेले के समय कुछ उलटी सीधी बातें हो सकती है काननी सुव्यवस्था अबाधित रखने के लिये पुलिस महकमे का इंतजाम किया जाता है । इतना ही नहीं साधारण सी बातें भी पुलिस निबटती है । समझो की ऐसे भीड़भाड़ और लड़ाकू प्रदेश में पुलिस न होती तो क्या हम चैन की सांस ले सकते हैं ?
कोरोना की महामारी में हमारे देश की पुलिस आंखों में तेल डालकर काम कर रही है ।एक दिन की भी छुट्टी नहीं है कड़ी धूप और ठंड या बारिश में सड़कों पर निरंतर पहरा देकर हमारी जान माल की रक्षा करती है।कितने ऐसे लोग हैं कि ऐसी महामारी की स्थिति में भी वे आवारा सड़कों पर घूमते हैं जिससे कोरोना का फैलाव रुक नहीं रहा है ।जो मानते नहीं थे उन्हें डंडे की भाषा में पुलिस ने समझाया । चौबिसों घंटे निगरानी करते करते इनमें से कई पुलिस कोरोनाग्रस्त हो गए। अपनी जान गंवानी पड़ी लेकिन काम आज भी चल रहा है ।हम घर में तो सुरक्षित हैं लेकिन उनका करता हाल होता होगा ? समझो की सचमूच पुलिस ही रास्ते पर खड़ी न होती तो ... हो सकता है कितने लोग मर गए होते ।यह तो कोरोना युद्ध में लड़ने वाले योद्धा हैं ।
भ्रष्टाचार उच्चकेगिरी मारपीट दहशत आदि का इंतजाम तो पुलिस ही करती है। जो भी हो कुछ लोग अगर बुरे भी हैं तो सारा पुलिस खाता बुरा कैसे हो सकता है ? लेकिन मानवी पशुता हैवानियत कानून भंग गैर अनुशासन करने वाले पुलिस के बिना सीधा नहीं होते।
गृहखाता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है । बहुत मेहनत करने वाला यह खाता हमारे देश के अंतर्गत होनेवाले अनुचित प्रकारों में रोक लगाता है।
अगर पुलिस ही नहीं होती तो....यह कल्पना ही नहीं कर सकते।