किसी फेरीवाले की दिनचर्या के बारे में अपने विचार लिखिए|
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शहरों उघैर कस्बों की सडकों पर हर जगह फेरीवाले और खोमचे वाले नजर आते हैं । वह हमारे सडकों की जानी-पहचानी हस्ती है । आमतौर से स्कूलो और कॉलेजों के बाहर खोमचे वाले खूब दिखाई पड़ते है ।
इसके अलावा मेलों, प्रदर्शनियों, सड़क के किनारे और रेलवे स्टेशनों तथा बस अड्डों के पास भी उनका जमाव दिखाई देता है । वह ऐसे स्थानों पर आवाज लगा-लगा कर अपना माल बेचता है, जहाँ बहुत-से लोग आते-जाते है ।
किसी फेरीवाले की दिनचर्या के बारे में अपने विचार
फेरीवाले की दिनचर्या बहुत ही थकावट वाली होती है| फेरीवाला सुबह अपने घर से निकल जाता है और शाम को घर लौट कर आता है| फेरीवाला पूरा दिन मेहनत करता है , चाहे गर्मी हो या सर्दी हो वह अपने काम के लिए निकल जाता है|
फेरीवाले हमें सड़कों में , घरों की गलियों में , ऑफिस में आवाज़े लगा कर लोगों को सामान बेचते है| बहुत से लोग उनसे सामान खरीदते है और कुछ लोग उन्हें भगा देते है| फेरीवाले फिर भी अपना दिल बड़ा करके पूरा दिन सामान बेचते है| फेरीवाले बहुत मेहनती होते है| फेरीवालो का कोई ठिकाना नहीं होता है| उसकी दिनचर्या सभी लोगों से अलग होती है|