किसी गैल्वेनोमीटर की कुंडली से जुड़े समतल दर्पण पर लंबवत आपतित प्रकाश (चित्र 9.36), दर्पण से टकराकर अपना पथ पुनः अनुरेखित करता है। गैल्वेनोमीटर की कुंडली में प्रवाहित कोई धारा दर्पण में
का परिक्षेपण उत्पन्न करती हैं। दर्पण के सामने 1.5 m दूरी पर रखे परदे पर प्रकाश के परावर्ती चिह्न में कितना विस्थापन होगा?
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muh me lelo beta bol chusauga
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hii
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उत्तर-
हल इस प्रकार है..
किसी दर्पण में जब ∅ = 3.5° का विक्षेप बनता है, तो प्रकाश किरण दुगने कोण (28 = 2 x 3.5° = 7°) से घूमती है।
इसलिये...
R = 1.5 m की दूरी पर रखे परदे पर प्रकाश चिह्न का विस्थापन होगा...
चाप = कोण × त्रिज्या...
= d = R x 2∅
⇒ d = L5 x 7° x π/180° = 0.184m = 18.4m
1.5 m की दूरी पर रखे परदे पर प्रकाश चिह्न का विस्थापन 18.4m होगा
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