किसी काँच की सिल्ली पर झुकी हुई आपतित किरण का अपवर्तन और पाश्र्वीय विस्थापन का
अवलोकन करें।
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Answer:
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अवलोकन में यह पाया की आपतित और निर्गत किरण एक दूसरे के समान्तर है।
Explanation:
- एक आयताकार काँच की पट्टी पर आकृति पर विचार कीजिये, फलक PQ पर आपतन कोण पर एक किरण AE आपतित होती है प्रकाश काँच की पट्टी में प्रवेश करने के बाद, यह अभिलंभ की और मुड़ती है और EF दिशा में एक अपवर्तन कोण पर गति करती है।
- अपवर्तित किरण EF फलक SR पर एक आपतन कोण पर आपतित होती है निर्गत किरण FD अभिलंभ से दूर अपवर्तन कोण पर हटती हैं। इस प्रकार निर्गत किरण FD के आपतित किरण AE के समान्तर होती है, लेकिन यह आपतित किरण के सापेक्ष इस तरह समान्तर फलको वाले अपवर्तक माध्यम से निर्गत किरण के पथ में एक पाश्र्व विस्थापन शिफ्ट होता है।
पाश्र्व विस्थापन
पाश्र्व विस्थापन आपतित व निर्गत किरणों के मध्य लंबवत दूरी है, जब प्रकाश एक समान्तर फलकों वाली अपवर्तक पट्टी पर तिर्यक रूप से आपतित होता है
i = e का सत्यापन, PQ सतह पर स्नेल के नियम को लागू करने पर,
sinθ1 = sinθ2
वायु माध्यम के लिए,
sinθ1 = sinθ2 ⇒equation(1)
RS सतह पर स्नेल के नियम को लागू करने पर,
sinθ3 = sinθ4
वायु माध्यम के लिए, = 1
sinθ3 = sinθ4 ⇒equation(2)
θ3 और θ2, एकान्तर कोण है
θ2 = θ3
समीकरण (ii) बन जाता है
sinθ2 = sinθ4 ⇒equation(4)
(1) और (3) की तुलना,
sinθ1 = sinθ4
∴ θ1 = θ4
आपतित और निर्गत किरण एक दूसरे के समान्तर है।