Hindi, asked by sumanchavan5005, 6 months ago

किसी का हमने छीना नहीं ,प्रकृती का रहा पालन यहीं
हमारी जन्मभूमि थी यहीं, कहीं से हम आए थे नहीं |..

चरित थे पूत, भुजा में शक्ती ,नम्रता रही सदा संपन्न
हृदय के गौरव में था गर्व ,किसी को देख न सके विपन्न |

हमारे संचय में था दान ,अतिथी थे सदा हमारे देव
वचन में सत्य,हृदय में तेज,प्रतिज्ञा में रहती थी टेव |

वही है रक्त, वही है देश,वही साहस है ,वैसा ज्ञान
वही है शांती ,वही है शक्ती, वही हम दिव्य आर्य संतान |

plz find from poem
anybody else can do it
प्राचीन भारत की देन जो आज भी है
१).........
२).........
३).........
४).........​

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Answered by rjainclass
1

Answer:

Ask the se que. to google

vo correct answer bata dega

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