Physics, asked by Seshprasad, 8 months ago

किसी क्रिस्टल के जालक और आधार से आप क्या समझते हैं? आवर्ती विभव के लिए क्रोनिग-पेनी

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Answered by GENIUSANDEEP
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क्रिस्टलीय ठोस साधारणतः लघु क्रिस्टलों की अत्यधिक संख्या से बना होता है, उनमें प्रत्येक क्रिस्टल का निश्चित ज्यामितीय आकार होता है। क्रिस्टल में परमाणुओं, अणुओं अथवा आयनों का क्रम सुव्यवस्थित होता है। इसमें दीर्घ परासी व्यवस्था होती है अर्थात् कणों की व्यवस्थाका खास पैटर्न होता है जिसकी निस्चित क्रम से पुनरावृत्ति होती है। क्रिस्टलीय ठोसो का गलनांक निश्चित होता है। क्रिस्टलीय ठोस विषमदैशिक प्रकृति के होते हैं अर्थात् उनके कुछ भौतिक गुण जैसे विद्युतीय प्रतिरोधकता और अपवर्तनांक एक ही क्रिस्टल में भिन-भिन दिशाओं में मापने पर भिन-भिन मान प्रदर्शित करते हैं। यह अलग- अलग दिशाओं में कणों की भिन व्यवस्था से उत्पन्न होता है। भिन-भिन दिशाओं में कणों की व्यवस्था अलग होने पर एक ही भौतिक गुण का मान प्रत्येक दिशा में भिन पाया जाता है।[1] उदाहरण- सोडियम क्लोराइड, क्वार्ट्ज आदि।

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