History, asked by asadji0786, 1 year ago

किस क्रांतिवीर ने छद्म नाम,
बलवंत जता कर लेख लिखे ?
"काफी दिन रहे कानपुर में,
पर अंग्रेज़ों को नहीं दिखे ।”​

Answers

Answered by deepamalik
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Answer:

munshi premchand kafi din tak rahe

angrej ko Nahin dikhaya

Answered by bhatiamona
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नाम था उस क्रांतिकारी का भगत सिंह

जिसने छ्द्म नाम ‘बलवंत’ से लेख लिखे ।

ढाई वर्ष तक रहे कानपुर में पत्रकार बन

पर अंग्रेजों को कभी भी नही दिखे ।।

Explanation:

भगत सिंह भारत के स्वाधीनता इतिहास के एक अमर क्रांतिकारी थे। उन्हें शहीद-ए-आजम के नाम से भी जाना जाता है। वह भारतीय स्वाधीनता इतिहास के एक महान क्रांतिकारी रहे थे, जो सुखदेव और राजगुरु के साथ मात्र 23 वर्ष की आयु में देश के लिए खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गए थे।

भगत सिंह का अपनी युवावस्था में कानपुर से गहरा नाता था। उन्हें बचपन से क्रांतिकारी गतिविधियों में रुचि थी और वह विवाह नहीं करना चाहते थे। जब उन पर शादी का जोर पड़ने लगा तो वह अपनी शादी के डर से अपना घर छोड़कर कानपुर चले आए। यहां वह गणेश शंकर विद्यार्थी के प्रताप अखबार से जुड़ गए और प्रताप अखबार की रिपोर्टिंग करने लगे। इस अखबार में वह ‘बलवंत सिंह’ के छद्म नाम से लेख लिखते थे। भगत सिंह लगभग ढाई बर्ष तक कानपुर में रहे और अंग्रेजों को इसकी भनक तक नही लगी

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