किसी कैसेग्रेन दूरबीन में चित्र 9.33 में दर्शाए अनुसार दो दर्पणों का प्रयोग किया गया है। इस दूरबीन में दोनों दर्पण एक-दूसरे से 20 mm दूर रखे गए हैं। यदि बड़े दर्पण की वक्रता त्रिज्या 220 mm हो तथा छोटे दर्पण की वक्रता त्रिज्या 140 mm हो तो अनंत पर रखे किसी बिंब का अंतिम प्रतिबिंब कहाँ बनेगा?
Answers
दोनों दर्पणों के बीच की दूरी L = 20 mm
बड़े अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R_{1} = -220 mm
फोकस दूरी f_{1} = -110 mm
छोटे उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R_{2} = +140 mm
फोकस दूरी f_{2} = +70 mm
बड़े दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब छोटे दर्पण के लिए आभासी बिंब का कार्य करता है।
जब u_{1} = ∞ तो बिम्ब से आने वाली किरणे बड़े दर्पण से
f_{1} = 110 mm दूर फोकसित होगी तो v_{1} = -110 mm
छोटे दर्पण के लिए आभासी बिंब की दूरी
= 110 - 20 = 90 mm
u_{2} = +90 mm
1/f_{2} = 1/v_{2} + 1/u_{2}
1/v_{2} = 1/f_{2} - 1/u_{2}
= 90-70/6300
= + 20/6300
v_{2} = 315 mm
अतः प्रतिबिंब छोटे दर्पण से 315 mm दूरी पर बनेगा