किसी के दिल की मायूसी जहाँ से हो के गुजरी हैं
हमारी सारी चालाकी वही पे खो के गुजरी हैं
तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना हैं
तुम्हारी सो के गुजरी हैं , हमारी रो के गुजरी है
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Dear nice line.....✌✌✌✌
❤❤दिल की मायूसी जहाँ से हो के गुजरी हैं❤❤
❤❤हमारी सारी चालाकी वही पे खो के गुजरी हैं❤❤
❤❤तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना हैं❤❤
❤❤तुम्हारी सो के गुजरी हैं , हमारी रो के गुजरी है❤❤
❤❤sad line and so sweet❤❤
❤❤दिल की मायूसी जहाँ से हो के गुजरी हैं❤❤
❤❤हमारी सारी चालाकी वही पे खो के गुजरी हैं❤❤
❤❤तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना हैं❤❤
❤❤तुम्हारी सो के गुजरी हैं , हमारी रो के गुजरी है❤❤
❤❤sad line and so sweet❤❤
priyamauryapriya:
Mujhe us poet ka name janana that because this line very sweat
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इन पंक्तियों को हिंदी के प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने लिखा और कहा था। वह हिंदी, उर्दू और संस्कृत में भी लिखते हैं और मुख्य रूप से भारत में सामयिक मुद्दों के बारे में लिखते हैं। डॉ. विश्वास बेहद लोकप्रिय कवि होने के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के सदस्य भी हैं। तो, वह एक राजनीतिज्ञ और एक व्याख्याता भी हैं।
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