Hindi, asked by savita7010, 6 months ago

किसी लेखक /व्यक्ति के कथन को मूलरूप में उद्धृत करने को लिए किस विराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है -Required to answer. Single choice.

(1 Point)

उद्धरण चिह्न

विस्मयादिबोधक

अर्द्ध विराम

अल्प विराम


Answers

Answered by anushkapaswan84
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विराम-चिह्न आवश्यक क्यों?

जब हम अपने मनभावों को किसी के सामने प्रकट करते हैं तो अपनी बातों को समझाने या किसी कथन पर बल देने के लिए बीचबीच में रुकते हैं। लिखित भाषा में भाव स्पष्ट करने या कथन पर बल देने के लिए कुछ निश्चित चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन चिह्नों को विराम-चिह्न कहते हैं।

परिभाषा- भाषा के लिखित रूप में रुकने के लिए जिन चिह्नों या संकेतों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें विराम-चिह्न कहते हैं। विराम-चिह्नों के प्रयोग से –

भावों की अभिव्यक्ति में स्पष्टता आती है।

कथन प्रभावपूर्ण बन जाता है।

विराम-चिहन के प्रकार –

हिंदी भाषा में मुख्य रूप से निम्नांकित विराम-चिह्नों का प्रयोग किया जाता है –

विराम-चिहन का नाम और चिह्न

पूर्ण विराम (Full stop) ।

अर्ध विराम (Semi-colon) ;

अल्प विराम (Comma) ,

प्रश्नवाचक चिह्न (Question mark) ?

विस्मयवाचक चिह्न (Exclamation mark) !

योजक या विभाजक (Hyphen) –

निर्देशक (Dash) –

उद्धरण चिह्न (Inverted comma) ‘ ’,“ ”

विवरण चिह्न (Sign of following) :-

कोष्ठक (Bracket) ( )

हंस पद (Sign of leftout) ,

लाघव चिह्न (Sign of abbreviation) ०

1. पूर्ण विराम (।) – इस चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक और विस्मयवाचक वाक्यों को छोड़कर प्रायः सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में किया जाता है; जैसे –

अध्यापक छात्रों को पढ़ाते हैं।

माली पौधों की देखभाल करता है।

हमें अपने आस-पास हरा-भरा बनाए रखना चाहिए।

कभी-कभी अप्रत्यक्ष प्रश्न के अंत में भी पूर्ण विराम लगाया जाता है; जैसे –

अच्छा अब बताओ कि तुम्हें क्या चाहिए।

कुछ देर पहले यहाँ कौन आया था।

2. अर्ध विराम (;)- जब पूर्ण विराम से कम समय के लिए रुकते हैं, तब इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे –

वह घर आया; थोड़ी देर बाद चला गया।

जो यहाँ फूल-माला चढ़ाते हैं; उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।

तुम्हारी इन बातों पर कोई विश्वास नहीं करेगा; क्योंकि ये झूठी हैं।

यहाँ कई भाषाएँ पढ़ाई जाती हैं; जैसे-अंग्रेज़ी, तमिल, मलयालम आदि।

3. अल्प विराम (,) – वाक्य के मध्य में अर्ध विराम से भी कम समय तक रुकने के लिए किया जाता है; जैसे –

राम, मोहन, श्याम और उदय यहाँ आएँगे।

हाँ, मैं यह चित्र बना लूँगा।

नहीं, तुम अभी अंदर नहीं आ सकते हो।

सरकार बदल जाने से, मैं समझता हूँ, कुछ बदलाव होगा।

मि. शर्मा एम.ए., बी.एड., पी.एच.डी. हैं।

सुभाषचंद्र बोस ने कहा, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”

चलो, चलो जल्दी चलो, ट्रेन आ गई है।

हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ।

इस व्यक्ति के लिए लाभ और हानि, यश और अपयश बराबर हैं।

सवेरा हुआ, पक्षी बोलने लगे।

वह काम, जिसे आपने बताया था, मैंने कर दिया था।

यहाँ आओ, सुमन, मेरी बात तो सुनो।

पूज्या माता जी, भवदीया आदि।

4. प्रश्नवाचक चिह्न (?) – इस चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में, अनिश्चय या संदेह प्रकट करने के लिए संदेह स्थल पर कोष्ठक में किया जाता है; जैसे –

सुमन, तुम कब आई?

क्या कहा, वह परिश्रमी है?

वह क्या पढ़ता है, क्या लिखता है, क्या याद करता है, यह मुझसे क्यों पूछ रहे हो?

5. विस्मयवाचक चिह्न (!) – इस चिह्न का प्रयोग विस्मय (आश्चर्य), हर्ष, घृणा, शोक आदि मनोभावों को व्यक्त करने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे –

अरे! बरसात होने लगी।

अहा! कितने सुंदर फूल खिले हैं।

हाय! चोरों ने सब कुछ लूट लिया।

छि:! यहाँ तो कूड़ा फैला है।

शाबाश! तुम्हें ‘ए’ ग्रेड मिला है।

6. योजक या विभाजक चिह्न (-) – इस चिह्न का प्रयोग सामासिक शब्दों, सा, सी, से आदि से पूर्व, शब्द युग्मों, द्वित्व शब्दों, पूर्णांक से कम संख्या भाग बताने के लिए किया जाता है –

सुख-दुख, आगमन प्रस्थान, जीवन-मरण, यश-अपयश।

हिरनी-सी आँखें, मोती-से अक्षर, फूल-सा बच्चा।

उठते-बैठते, सोते जागते, हँसते-हँसते, पढ़ते-पढ़ते।

एक-तिहाई, तीन-दसवाँ, एक-चौथाई।

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