किसी मेज के ऊपरी पृष्ठ पर जड़ी एक छोटी पिन को 50 cm ऊँचाई से देखा जाता है। 15 m मोटे आयताकार काँच के गुटके को मेज के पृष्ठ के समांतर पिन व नेत्र के बीच रखकर उसी बिंदु से देखने पर पिन नेत्र से कितनी दूर दिखाई देगी? काँच का अपवर्तनांक 1.5 है। क्या उत्तर गुटके की अवस्थिति पर निर्भर करता है?
Answers
काँच का अपवर्तनांक n = 1.5
काँच की मोटाई t = 15 cm
यदि अभिसृत किरण पुंज के मार्ग में t मोटाई व n अपवर्तनांक वाला काँच का एक गुटका रख दिया जाए तो अभिसृत बिंदु d दूरी दूर हट जाता है।
जब आपतन कोण बहुत अल्प है।
अतः
d =
=
d = 5 cm
अतः पिन टेबिल से 5 cm ऊपर उठी प्रतीत होती है। जबकि नेत्र से पिन 50-5 = 45 cm दूरी पर दिखाई देगी।
यह उत्तर काँच के गुटके की स्तिथि पर निर्भर नहीं करता।
पिन की वास्तविक गहराई, d = 15 cm
पिन की आभासी गहराई = d'
कांच का अपवर्तनांक, μ = 1.5
आभासी गहराई के लिए वास्तविक गहराई का अनुपात कांच के अपवर्तनांक के बराबर है, उदाहरण के लिए:
μ = d / d'
∴ d' = d / μ
= 15 / 1.5
= 10 cm
वह दूरी जिस पर पिन उभरी हुई दिखाई देती है = d' - d
= 15 - 10
= 5 cm
आपतन के एक छोटे कोण के लिए, यह दूरी गुटके की अवस्थिति पर निर्भर नहीं करती है।