किस्मत का खेल नामक पाठ में नानू के मित्र को उसके मामा जी ने कौन सी सलाह दी और क्यों अपने आसपास किया किसी मेले का नाम जानकारी लिखो
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किस्मत का खेल नामक पाठ में नानू के मित्र को उसके मामा जी ने कौन सी सलाह दी और क्यों अपने आसपास किया किसी मेले का नाम जानकारी लिखो ?
उत्तर : किस्मत का खेल’ पाठ में नानू के मित्र करण को उसके मामा जी ने यह सलाह दी कि किसी भी मेले में जाने पर ऐसे किस्मत के खेल से संबंधित किसी खेल के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि यह सारे किस्मत के खेल वाली दुकान चलाने वाले ठग होते हैं, जो जनता को ठगते हैं।
इनकी दुकान पर जो भी इनाम जीतता है, वह इनके ही आदमी होते हैं और यह उसी को इनाम जीता देते हैं, जिससे मेले में घूमने आये भ्रमित होकर इनाम जीतने के लालच में खेल खेलने लगते है और यह लोग उसे ठगते जाते हैं, क्योंकि कोई बड़ा इनाम ये लोग अपने आदमियों को ही जिताते हैं।
हमारे शहर में भी ऐसा ही एक मेला लगता था। जो कि हर साल दशहरे से दीवाली के बीच लगता था। वहाँ पर भी इस तरह के नाम जीतने वाली एक दुकान होती थी। लेकिन मैं कभी उसके चक्कर में नहीं पड़ी, हालांकि एक बार खेलने का मन किया था, लेकिन मेरे मम्मी पापा ने समझाकर मना कर दिया।
Mama Ne kaha ki achi ya buri kesmat ka koi sawal nahi hota hai