किस्मत का खेल नामक पाठ में नानू के मित्र को उसके मामा जी ने कौन से चला दी और क्यों
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Explanation:
प्रत्येक वर्ष एक बड़े मंदिर में वर्षा ऋतु का उत्सव होता था। यहाँ मेला भी लगता था। मैं मामा जी और अपने मित्र नानू के साथ मेला देखने लगा। मामा जी अपने मित्रों के साथ चले गए। उन्होंने मुझे कुछ भी न खरीदने के लिए कहा।
नानू और मैं मेले में घूमते हुए एक ऐसी दुकान पर आए, जहाँ किस्मत का खेल चल रहा था। कई लोगों ने भाग्य आजमाया और इनाम पाया।
बड़ा इनाम पाने की उम्मीद रखकर मैंने भी भाग्य आजमाया। मेरे सारे पैसे खर्च हो गए। हर बार मुझे छोटी चीज मिली। लोग मेरी हँसी उड़ा रहे थे। मामा जी को पता चला, तो उन्होंने मुझे समझाया कि करन तुम ठगे गए। इनाम पाने वाले दुकानदार के ही आदमी थे। ये सब मिलकर लोगों को लालच देकर उन्हें ठग लेते हैं। यह सब उन लोगों की चाल होती है, किस्मत का खेल नहीं।
प्रश्न २.
ऐसे वाक्य की रचना करो
(क) जहाँ दो शब्दों के बीच में योजक चिह्न (-) का प्रयोग हुआ हो।
(ख) जिसके अंत में प्रश्नवाचक चिहन (?) का प्रयोग हुआ हो।
(ग) जिसमें अल्पविराम चिह्न (,) का प्रयोग हुआ हो।
(घ) जिसमें विस्मयादिबोधक चिह्न (!) का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर:
(क) माता-पिता की सेवा करनी चाहिए।
(ख) संसार को चलाने वाला कौन है?
(ग) आँधी आई, पेड़ गिरे और हलचल मच गई।
(घ) अहा! कितना सुंदर हिरण है।