किसी नाभिक की बंधन ऊर्जा में किन-किन ऊर्जा का योगदान होता है इसके आधार पर अर्ध मूलानुपाती द्रव्यमान सूत्र स्थापित कीजिए
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बन्धन ऊर्जा (binding energy) वह न्यूनतम ऊर्जा है जो किसी कण-तंत्र से किसी कण को बाहर निकालने के लिए आवश्यक होती है। किसी कण-तंत्र के सभी कणों को एक-दूसरे से पूर्णतः अलग करने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा को भी बन्धन ऊर्जा कहते हैं।
भारी नाभिक का अपेक्षाकृत हल्के नाभिकों में विघटन होने पर अथवा अत्यन्त हल्के नाभिकों के संलयन द्वारा अपेक्षाकृत भारी नाभिक बनने पर, दोनों ही स्थितियों में बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिऑन बढ़ जाती है। इसके कारण अभिक्रिया में अत्यधिक ऊर्जा मुक्त होती है।
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