किसान हमारा अन्नदाता है उनकी समस्याओं का समाधान पकड़ते हुए प्रस्ताव लिखिए
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¿ किसान हमारा अन्नदाता है उनकी समस्याओं का समाधान पकड़ते हुए प्रस्ताव लिखिए।
➲ किसान हमारा अन्नदाता है, इस बात में कोई भी संशय वाली बात नहीं है। यदि किसान खेतों में जी तोड़ के परिश्रम ना करें और अन्न को नहीं उपजाए तो हमको भोजन कहाँ से प्राप्त होगा। हर कोई व्यक्ति स्वयं तो खेती नहीं कर सकता, इसलिए जब किसान खेती करता है तो वह केवल अपने लिए अन्न नही उपजाता बल्कि उसे अनेक लोगों का पेट भरता है।
अन्य सभी व्यवसाय ऐसे बचाएं हैं, जिनमें व्यक्ति अपने लिए कार्य करता है और उससे जो भी लाभ प्राप्त होता है, वह उसके अपने लिए होता है। वो किसी दूसरे के लिए लाभ अर्जित नहीं करता और ना ही उसके ऊपर कोई दूसरा निर्भर नहीं रहता। लेकिनकिसान कृषि के रूप में वह कार्य करता है, जो केवल अपने लिए नहीं सभी के लिए होता है। यदि किसान अन्न उपजाना बंद कर दे तो उसका दुष्प्रभाव सभी पर पड़ेगा और लोगों को खाने के लिए भोजन नसीब नहीं होगा। इसलिए किसान का महत्व स्पष्ट हो जाता है। मनुष्य टीवी देखे बिना जी सकता है, बिना किताब पढ़े, बिना अखबार पढ़े, साधारण कपड़े पहन के भी रह सकता है। लेकिन इंसान भोजन के बिना नहीं रह सकता और वो भोजन के लिए अन्न किसान उपजाता है। इसलिए किसान का कार्य कितना महत्वपूर्ण है, यही स्पष्ट हो जाता है।
किसान की अपनी कई समस्याएं हैं, जिनसे पार पाना और उनकी समस्याओं का समाधान करना बेहद आवश्यक है। इस संसार में कृषि सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य है और सबसे महत्वपूर्ण कार्य होने के बावजूद किसान उपेक्षित है। किसान की उपेक्षा क्यों है इसके लिए कई बातों पर गौर करने की जरूरत है।
किसानों को खेती में नित कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।
- सबसे बड़ी समस्या तो मौसम की अनिश्चितता और मौसम की मार है। किसानों को मौसम की मार से कई बार अनेक हानि उठानी पड़ती है।
- आधुनिक कृषि के साधनों से वंचित होने के कारण परंपरागत साधनों को अपनाए हुए हैं, जिससे वे पिछड़ते जा रहे हैं।
- किसान साहूकारों के चंगुल में फंसकर कर्ज के जाल में फंस जाते हैं और अंत में अपनी आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं।
- इन सभी समस्याओं के समाधान की बेहद आवश्यकता है। किसानों को उनकी फसल उपज की न्यूनतम गारंटी मिलनी आवश्यक है, ताकि वे बैखौफ होकर करके खेती का कार्य कर सकें और उनको मौसम आदि की मार होने पर किसी भी तरह का ऐसा नुकसान न उठाना पड़े जिससे वह कर्ज के गंभीर जाल में फंस जाएं।
- किसानों के को खेती के लिये कर्ज की आसान ऐसी सुविधा मिले कि वहा सेठ-साहूकारों के चंगुल में न फंसे।
- किसानो को अपनी फसल का सही दाम मिले, जिससे किसान बिचौलियों के शोषण से बच सकें।
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