किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त
किया गया है?
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Answer:
पशु आदिकाल से ही मनुष्यों के साथी रहे हैं।
किसान के लिए पशु वरदान के समान है। किसान हल चलाने, बोझ ढोने, पानी खींचने तथा सवारी करने के लिए पशुओं का प्रयोग करते है। झूरी हीरा और मोती को बच्चों की तरह स्नेह करता था। वह उन्हें अपनी आँखों से दूर नहीं करना चाहता था। इससे पता चलता है कि किसान अपने पशुओं से मानवीय व्यवहार करते हैं। किसान पशुओं को घर के सदस्य की भांति प्रेम करते रहे हैं और पशु अपने स्वामी के लिए जी-जान देने को तैयार रहे हैं।
प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी ‘दो बैलों की कथा’ में मनुष्य के पशु प्रेम तथा पुरुषों का अपने स्वामी के प्रति लगाव का सजीव चित्रण किया गया है। पशु अपने मालिक के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। हीरा - मोती की झूरी से प्रेम यही सिद्ध करता है। लेखक ने मूक पशुओं की एक दूसरे के प्रति सद्भावनाओं तथा स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष का भी स्वाभाविक वर्णन किया है।
उत्तर :-
इस पाठ में किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को भावनात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है। झूरी को अपने बालों हीरा और मोती से बहुत प्यार है। वह उन्हें अच्छा भोजन देता था। जब वे गया के घर से भागकर आते हैं तो उन्हें दौड़कर गले लगा लेता है। गया के घर जाते हुए बैलों को भी झूरी से बिछड़ने का दुख है। वह समझते हैं कि उन्हें बेच दिया गया है । वे और अधिक मेहनत करके झूरी के पास ही रहना चाहते हैं। गया के घर की छोटी बच्ची के हाथ से एक रोटी खाकर उन्हें उस बच्ची से लगाव हो जाता है और बच्ची पर अत्याचार करने वाली उसकी सौतेली मां को मोती मारना चाहता है। अंत में जब हीरा और मोती कांजीहौस से दढ़ियल के साथ घर पहुंचते हैं, तो झूरी उन्हें गले लगा लेता है और झूरी की पत्नी भी उन दोनों के माथे चूम लेती है।
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