Hindi, asked by sooljaywant40, 9 hours ago

किसान की आत्मकथा विषय पर दस से पंद्रह वाक्यों में निबंध लिखिए Answer




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Answered by sonalishirsat007
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Answer:

हम अपने जीवन को आरामदायक बनाने के लिए रात-दिन मेहनत करता हूँ। खेत मेरा जीवन है। तथा बैल मेरे मित्र खेजड़ी मेरा घर है। मौसम कितना ही खराब हो खेत में कार्य करता हूं,चाहे तेज धूप हो या कड़कड़ाती ठंड मै खुद की कोई प्रवाह नहीं करते हुए।

Answered by raginijaiswal95
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मै भारत का किसान हूँ। मेरा व्यसाय है। कृषि, हम किसानो की स्थिति अत्यंत खराब है। उनके पास अपने जीवन व्यापन करने उपयुक्त वस्तुएँ भी नहीं है। मै एक साधारण घर मे रहता हूँ। हम अपने जीवन को आरामदायक बनाने के लिए रात-दिन मेहनत करता हूँ।

खेत मेरा जीवन है। तथा बैल मेरे मित्र खेजड़ी मेरा घर है। मौसम कितना ही खराब हो खेत में कार्य करता हूं,चाहे तेज धूप हो या कड़कड़ाती ठंड मै खुद की कोई प्रवाह नहीं करते हुए। मै हर परस्थिति मे मेहनत करता हूँ। यही मेरा कर्तव्य है।

मेरा एक ही व्यवसाय है। जो कि कृषि है। हम बहुत मेहनत करते है। जब हमारी फसल अच्छी होती है। तब हमारे परिवार का गुजारा आसानी से होता है। परंतु जब फसल खराब हो जाती है। या वर्षा न होने, आकाल पड़ने पर हमे हमारे परिवार का पालन-पोषण करना हमारे लिए बहुत बड़ी परेशानी बन जाती है।

इस समय मे हमे ज़्यादातर समय भूखा रहना पड़ता है। हमारे लिए यही सबसे बड़ा दुख का समय होता है। प्रत्येक किसान का घर माटी का बना होता है। हमारे पास अपना अच्छा घर बनाने के लिए पैसे नहीं होते है।

हम ज़्यादातर समय बीमारियो से घिरे रहते है। हमारे पास अपना इलाज करने लिए भी पैसे नहीं होते है। हम ज्यादा ज्ञानी नहीं है। हम कभी विद्यालय मे पढ़ने नहीं गई। हमारे घरो मे बिजली की व्यवस्था नहीं है। हम अंधेरे मे अपना जीवन व्यतित करते है।

भारत देश को कृषि प्रधान देश है। क्योकि इस देश की सम्पूर्ण आय मे 70 प्रतिशत भाग कृषि से प्राप्त होता है। मेरे परिवार मे मेरे दादाजी से लेकर मेरे पिताजी सभी ही स्थिति बहुत ही नाजुक है। हमारे लिए खुद का पेट भरने का एकमात्र साधन कृषि है। जिसके दाम हर समय बढ़ते-घटते रहते है। मेरे परिवार की स्थिति बहुत नाजुक होने के कारण मे पढ़ाई भी नहीं कर सका।

बचपन से ही मे पेरे पिताजी के कार्यो मे हाथ बटाया करता था। इसलिए मे अनपढ़ (जो पढ़ा हुआ न हो।) ही रह गया। मेरे पिताजी प्रातःकाल स लेकर शाम तक बहुत मेहनत करते थे। इसलिए मे भी उनके साथ-साथ कार्य करने लगा।

मेरे पिताजी मुझे बैलों को चारा-पानी देना और भोजन कर रात्री विश्राम आदि छोटे-छोटे काम देते थे। और वे खेत मे दिन-रात खूब मेहनत करते थे।

मै उनके साथ कार्य करके मे भी एक मेहनती किसान बन गया था। फिर मीने भी कृषि को अपना व्यवसाय बना लिया इसी प्रकार ज़्यादातर किसानो के साथ होता है।

मेरे लिए परस्थितिया पहले बहुत खराब थी। फिर अब भारत सरकार ने तीन नए कृषि कानून हमारे विरोध बनाए है। जिससे हमे नुकसान होगा। इसलिए हम सरकार से मांग करते है। कि जो नए कृषि कानून बनाए गए है। उन्हे बंद कर दे।

हम किसानो के पास एकमात्र पेट भरने के साधन पर आप नए कानून लगाकर क्यो हमे शर्मिंदा कर रहे हो। हमारी योग्यता हमारे खुद का पेट भरने तक की है। तो आप हम से क्या वसूल करने के लिए नए कानून बनाकर अपना समय बर्बाद कर रहे हो।

हम मानसून पर निर्भर होते है। हमे ज्यादा बार असफलता ही मिलती है। और कभी-कभी सफलता भी मिलती है। भारत सरकार वर्तमान मे हमारी सहायता कर रही है। हम इससे काफी खुश है।

भारत सरकार द्वारा हमे मकान,टांका तथा शौचालय बनाने के पैसे देते है। तथा हमारे घरो मे अब तो बिजली भी लगवाई जा रही है। और गैस तथा सिलेंडर का वितरण किया जा रहा है।

हम अपने देश की सरकार को कहना चाहते है। कि वो हमारे देश मे सिंचाई कि अच्छी व्यवस्था को बनाये और हमे आकाल पड़ने पर आर्थिक सहायत प्रदान करावे। तथा हमे जरूरत पड़ने पर ऋण योजनाए चलाये जैसे हमारे देश मे लागू है। केसीसी योजना आदि।

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