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किसानों ने जलाई पराली तो लगेगा जुर्माना, सेटेलाइट से रखी जा रही नजर
लखनऊ। अगर आप अपने खेतों में पराली (धान का अवशेष) जलाते हैं तो आप पर 2500 रुपए से लेकर 15000 रुपए का जुर्माना लग सकता है। पराली जलाने से पर्यावरण से साथ ही किसानों को भी नुकासन होता है। मौजूदा सीजन में खेत में अवशेश जलाने पर रोक लगाने के लिए सैटेलाइट के माध्यम से नजर रखी जा रही है।
केंद्र सरकार ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा से बृहस्पतिवार को अपील की कि वे प्रदूषण नियंत्रित करने की दिशा में धान की पराली जलाये जाने से रोकने के लिए पूरी गंभीरता तथा जिम्मेदारी से काम करें। वहीं, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण, भारत सरकार द्वारा प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार को बताया गया है कि सेटेलाइट के माध्यम से पता चला है कि यूपी के कई जिलों में पराली (फसल अवशेष) जलाने की घटनाएं हुईं हैं।
रबी सीजन की तैयारी में जुटे किसान धान की कटाई के बाद पराली जलाने लगे हैं। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि ''केंद्र सरकार हर स्तर पर मामले की निगरानी कर रही है।'' उन्होंने कहा, ''मैं अपील और प्रार्थना कर रहा हूं, मुझे उम्मीद भी है कि राज्य इस मुद्दे पर पहले की अपेक्षा अधिक गंभीरता और जिम्मेदारी से काम करेंगे।''
हर्षवर्धन ने कहा कि ''मंत्रालय ने राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों से इस बारे में बैठकें की हैं और किसानों को जरूरी उपकरण 15 अक्टूबर तक वितरित करने को कहा है। इसके लिए केंद्र सरकार पहले ही 500-600 करोड़ रुपये दे चुकी है। 9 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार पराली जलाने के मामले इस साल 2016 और 2017 की तुलना में काफी कम रहे हैं।''
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केंद्र सरकार के राज्यों के संपर्क में होने की बात कहते हुए मंत्री ने कहा, ''ये एक ऐसा मुद्दा है जिसके लिए हमें जागरूकता तथा सामाजिक कार्यक्रम बढ़ाने की जरूरत है। सरकार को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। अगर दिल्ली इस वजह से दिक्कत में होती है तो देश की अंतरराष्ट्रीय छवि खराब होती है।'' हर्षवर्धन ने कहा, ''किसानों और राज्यों के लिए संदेश बेहद साफ है कि यदि वो पराली जलाते हैं तो हवा प्रदूषित होगी और लोग फेफड़े की बीमारी तथा सांस की दिक्कतों से प्रभावित होंगे।''
इसके अलावा सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण, भारत सरकार द्वारा प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार को बताया गया है कि सेटेलाइट के माध्यम से पता चला है कि जनपद बाराबंकी में पराली (फसल अवशेष) जलाने की अत्यधिक घटनाएं हुई हैं। इसके बाद बाराबंकी के जिलाधिकारी ने कृषि विभाग को तत्काल अपने क्षेत्र में भ्रमण करके उन किसानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है जो पराली जला रहे हैं। इन किसानों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्टर्स के मुताबिक, शाहजहांपुर में पराली जलाने वाले 74 किसानों से 6.60 लाख जुर्माना वसूला गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने इस मामले पर किसानों से अपील की है। अपने ऑडियो संदेश में अमित मोहन प्रसाद ने कहा, ''खरीफ की फसल की कटाई का समय आ गया है। कई जनपदों में धान की कटाई शुरू भी हो गई है। हमें इस बात का ध्यान रखना है कि फसल की कटाई के बाद जो फसल अवशेष हैं उसे हम प्रयोग में लाएं या मिट्टी में ही दफना दें, जिससे कि वो खाद में बदल जाए। कुछ किसान इन अवशेषों को जला देते हैं जो कि हर तरह से हानिकारक है। साथ ही फसल अवशेषों को जलाना अपराधा भी है, जिसके तहत ऐसा करने वाले किसानों पर कार्रवाई भी हो सकती है। इस लिए फसल अवशेषों को जलाएं नहीं।''
बाराबंकी में जिले में सूरजगंज ब्लॉक में तैनात कृषि विभाग में प्रभारी राजकीय कृषि बीज भंडार, सिद्धार्थ मिश्रा ने बताया, "वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश हैं कि किसान पराली न जलाने पाएं, इससे किसान और पर्यावरण दोनों को नुकसान है। जिले में रामनगर इलाके में कुछ लोगों ने पराली जलाने पर पुलिस को भी बुलाया था। जो लोग पकड़े जाएंगे उनपर जुर्माना लगेगा।"
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