किसान कर्ज के जाल कैसे फंसते हैं
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किसान कर्ज के जाल में निरक्षरता, जागरूकता की कमी एवं उचित संसाधनों के अभाव में फंसते जाते हैं।
भारत में कृषि मुख्य व्यवसाय कार्य रहा है, लेकिन इसी में अभी भी पारंपरिक ढंग से खेती की जाती है। अभी भी कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है। किसानों में कृषि में आधुनिक तरीकों से खेती करने के प्रति जागरूकता की भी कमी है। अक्सर किसानों के अपनी फसल में घाटा उठाना पड़ता है। अपने घाटे को पूरा करने के लिए महाजनों और साहूकारों से कर्ज लेते हैं और अंततः वे उनके कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। किसानों में जागरुकता की कमी के कारण आधुनिक तकनीक साधनों के उपयोग की जानकारी कम होती है। वह पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं। उपज होने पर बीच के बिचौलिए आदि उनकी फसल का अधिकतम मुनाफा ले जाते हैं। उनके हाथ कुछ नहीं लगता। वे अपने घाटे को पूरा करने के लिए अगली फसल के लिए कर्ज लेते हैं और अगली फसल का भी यही हाल होता है। इस तरह वे कर्ज के जाल में फंस जाते हैं।
इसलिए ये आवश्यक है कि किसानों की हितकारी नीति बनाई जाए। सही कानून बनाए जाएं। वे अपनी फसल का उचित दाम पा सके और उनकी मेहनत का फल उन्हे ही मिले ताकि उन्हें कर्ज के जाल में नहीं फंसना पड़े।
Explanation:
लोन लेकर आप घर या कार खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं लोन लेकर आप एजुकेशन और शादी जैसे अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा कर लेते हैं. हालांकि, कई बार लोन को ठीक ढंग से मैनेज नहीं करने के चलते आप लोन के जाल में फंस जाते हैं. यह आपके फाइनेंशियल और सेहत के लिए अच्छी चीज नहीं होती है.