Hindi, asked by tiwarilove09, 9 days ago

किसी ने खूब कहा है कि व्यक्ति का भाग्य काफी हद तक उसके परिश्रम और चरित्र पर निर्भर करता है। यह बात तो सत्य ही है कि कोई भी व्यक्ति महान नहीं बन सकता यदि वह परिश्रम से जी चुराता है और यदि उसमें चरित्र की कमी है। इसी प्रकार कोई भी राष्ट्र महान नहीं बन सकेगा यदि उसके निवासी आलसी हैं अथवा उनका चरित्र उत्कृष्ट नहीं है । परिश्रम और चरित्र एक नींव के समान हैं जिस पर सफलता और महानता के भवन का निर्माण होता है । यदि नींव कमजोर है तो क्या कोई मजबूत और टिकाऊ भवन उस पर बनाया जा सकता है ? क्या हमारा पर्वत पर चढ़ना सम्भव है यदि हमारे पैरो के नीचे कि धरती खिसक रही हो

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Answered by routramchandra
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From Arpita

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