किसान और सौनिक - मिट्टी के प्रति इनके दाचित्व को स्पष्ट कीजिए ।
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मृदा का सफल नमूना लेने के लिए मृदा परिक्षण टियूब, वर्मा , कुदाली तथा खुरपी का प्रयोग किया जा सकता है।
मृदा के ऊपर का घास-फूस साफ करें।
भूमि की सतह से हल कि गहराई (0-15 सेंटीमीटर) तक मृदा परिक्षण टूयूब या बर्मा द्वारा मृदा की एक सार टुकड़ी लेंवें। यदि आपको कुदाल या खुरपी का प्रयोग करना हो तो ‘v’ के आकार का 15 से.मी. गहरा गड्ढा बनाए। अतः एक ओर से ऊपर से नीचे तक 2-3 सेंटीमीटर मोटाई की मिट्टी की एकसार टुकड़ा काटें। एक खेत में 10-12 अलग-अलग स्थानों (बेतरकीब ठिकानों) से मृदा की टुकड़ियों लें और उन सबको एक भोगोने या साफ कपड़े में इकट्ठा करें।
अगर खड़ी फसल से नमूना लेना हो, तो मृदा का नमूना पौधों कि कतारों के बीच वाली खाली जगह से लेंवें। जब खेत में क्यारियां बना दी गई हो या कतारों में खाद डाल दी गई हो तो मृदा का नमूना लेने के लिए विशेष सावधानी रखें।
नोट
रसायनिक खाद की पट्टी वाली जगह से नमूना न लें। जिन स्थानों पर पुरानी बाड़, सड़क और जहाँ गोबर खाद का पहले ढेर लगाया गया हो या गोबर खाद डाली गई हो, वहाँ से मृदा का नमूना न लें। ऐसे भाग से भी नमूना न लें जो बाकी खेत से भिन्न हों। अगर ऐसा नमूना लेना हो, तो इसका नमूना अलग रखें।
मिट्टी को मिलाना और एक ठीक नमूना तैयार करना
एक खेत में भिन्न-भिन्न स्थानों से तसले या कपड़े में इक्कट्ठे किए हुए नमूने को छाया में रखकर सुखा लें। मृदा को धुप, आग या अंगीठी आदि के ऊपर रखकर न सुखाएं। एक खेत से एकत्रित की हुई मृदा को अच्छी तरह मिलकर एक नमूना बनाएं ताकि उसमें से लगभग आधा किलो मृदा का नमूना लें जो समूचे खेत का प्रतिनिधित्व करता हो।
हर नमूने के साथ अपना नाम, पता और खेत के नबंर का लेबल लगाएं। अपने रिकार्ड के लिए भी उसकी एक नकल रख लें। दो लेबल तैयार करें- एक थैली के अंदर डालने के लिए तथा दूसरा बाहर लगाने के लिए। लेबल कभी भी स्याही से न लिखें । हमेशा बाल लें या कलर पेन्सिल से लिखें।
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