Hindi, asked by abhishekrokade73, 6 months ago

किसी online business website के विभिन्न लाभ व हानियों को उदाहरण सहित समझाइये​

Answers

Answered by rishabh1410
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Explanation:

ऑनलाइन शॉपिंग के कुछ नुकसान भी हैं जिनका वर्णन इस प्रकार है – Disadvantages of Online Shopping

ऑनलाइन वस्तु पर लगता है शिपिंग चार्ज:

कभी कभी ऑनलाइन सामान खरीदने पर कुछ ऑनलाइन बाज़ार वस्तु के ऊपर जरूरत से ज्यादा शिपिंग चार्ज लगा देते हैं। जिसका मूल्य वस्तु के मूल्य से भी ज्यादा का होता है। इसे ऑनलाइन बाज़ार का एक लूटने का तरीका भी कहा जा सकता है। ये चार्ज अविश्वसनीय होता हैं।

खुद के स्पर्श और ना देखने में कमी:

अगर कोई भी ग्राहक ऑनलाइन सामान खरीदता है। वह केवल वस्तु को फ़ोन में आर्डर करते समय देख पाता है। व्यक्ति वस्तु की गुणवत्ता और मात्रा का अंदाज़ा नहीं लगा सकता जिसके कारण कभी कभी ग्राहकों को ज्यादा पैसे में बेहतरीन सामान प्राप्त नहीं होता है।

पैसे देने से पहले ना तो वास्तव में वस्तु को छुआ जा सकता और ना ही उसे आँखों से देखा जा सकता है।

ऑनलाइन शॉपिंग में धोखा:

आज अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं जिसके लिए वह इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं पर बता दें कि कुछ ही वेब साइट्स ऐसी हैं जो असली सामान को बेचती हैं।

इंटरनेट पर ज्यादा तर फेक वेब साइट्स हैं जो वस्तु के मूल्य को कम बताती हैं और ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इस लालच में कई लोग फस जाते हैं और परिणामस्वरूप वह ऑनलाइन धोखे का शिकार हो जाते हैं।

वस्तु में देरी:

ऑनलाइन शॉपिंग में यह सबसे ज्यादा समस्या देखी जाती है। आपको जिस वस्तु की जरूरत है वह कम से कम आप तक तीन से चार दिन तक पहुंचती है। जिसके कारण ग्राहकों को वस्तु को प्राप्त करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है।

साथ ही कभी कभी कुरिअर देने वाले को आपका पता ही नहीं मिलता या फिर ग्राहक अपने दिए हुए पते पर उस समय नहीं मिलता। जिस से आपका सामान आप तक देरी से पहुंचता है।

आम दुकानदारों को घाटा:

आज ऑनलाइन बाज़ार हर घर में काफी प्रचलित है। देखा जा रहा है कि हर परिवार से कुछ न कुछ वस्तु ऑनलाइन ही खरीदी जा रही है पर इसका भारी नुकसान गली मोहल्ले में बैठे आम दुकानदारों को झेलना पड़ रहा है।

लोग अपनी जरूरत का ज्यादातर सामान ऑनलाइन ही खरीद लेते हैं। जिसके कारण बाज़ार में बैठे दुकानदारों का रोज़गार खत्म होने लगा है और अगर उनके पास कोई ग्राहक चला भी जाये तो लोग उनके सामान के मूल्य की तुलना ऑनलाइन मूल्य से करने लगते हैं जिससे दूकानदार को अपनी वस्तु घाटे में बेचनी पड़ती है

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