किसी प्रेरणादायक व्यक्ति की आत्मकथा को पढ़कर अपने शब्दों में लिखिए तथा बताइये की उनके जीवन से क्या शिक्षा मिली
Answers
Answer:
साहित्य में आत्मकथा (autobiography) किसी लेखक द्वारा अपने ही जीवन का वर्णन करने वाली कथा को कहते हैं। यह संस्मरण (memoir) से मिलती-जुलती लेकिन भिन्न है। जहाँ संस्मरण में लेखक अपने आसपास के समाज, परिस्थितियों व अन्य घटनाओं के बारे में लिखता हैं वहाँ आत्मकथा में केन्द्र लेखक स्वयं होता है।[1] आत्मकथा हमेशा व्यक्तिपरक (subjective) होती हैं, यानि वह लेखक के दृष्टिकोण से लिखी जाती हैं। इनमें लेखक अनजाने में या जानबूझ कर अपने जीवन के महत्वपूर्ण तथ्य छुपा सकता है या फिर कुछ मात्रा में असत्य वर्णन भी कर सकता है।[2] एक ओर आत्मकथा से व्यक्ति के जीवन और परिस्थितियों के बारे पढ़कर पाठकों को जानकारी व मनोरंजन मिलता है, तो दूसरी ओर इतिहासकार आत्मकथाओं की जानकारी को स्वयं में मान्य नहीं ठहराते और सदैव अन्य स्रोतों से उनमें कही गई बातों की पुष्टी करने का प्रयास करते हैं।[3]
प्रेरणादायक व्यक्ति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
डॉ ए. पी. जे. कलाम के बारे लिखना चाहती हूँ | मैं उन्हें अपना रोल माडल मानती हूँ|
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम में सादगी, मितव्ययिता और ईमानदारी जैसे उन गुणों की मिसाल थे| डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिलनसार थे वो किसी को छोटा या बड़ा नहीं मानते थे सबसे बात करते थे|
डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे।
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम वास्तव में देश के सभी युवाओं के लिये एक सच्चे दिग्गज थे।अपने पूरे जीवन, पेशे, कार्य और लेखन के माध्यम से नयी पीढ़ी को उन्होंने हमेशा प्रेरणा दी है। वह आज भी हमारे दिलों में मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में मौजूद हैं। कलाम पढ़ाई के साथ रह कर अख़बार बेच कर अपने परिवार की साथ देते थे|
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन से हमें शिक्षा मिलती है,
हमें जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए | हमारे जीवन में कभी भी कितनी भी असफलता आए हमें असफलताओं से सिखकर आगे बढ़ना चाहिए| हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए और कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए| उनकी कड़ी मेहनत और लग्न के साथ उन्होंने कभी भी हार नहीं मैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त की |हमें भी उन्हें जीवन से आगे बढ़ने की प्रेरणा लेनी चाहिए|