Hindi, asked by mjain3740, 6 months ago

किस प्रकार का कर्म बंध प्रतिक्रमण से दूर किया जा सकता है​

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Answered by shishir303
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जो कर्म आत्मा के साथ दृढ़तापूर्वक संलग्न होते हैं, ऐसे कर्म बंध आत्मा के साथ बद्ध हो जाते हैं, और इस तरह के कर्म बंधों को आलोचना युक्त प्रतिक्रमण से से दूर किया जा सकता है।

ये स्थिति बिल्कुल उसी तरह कि जब किसी धागे में कुछ सुइयों को पिरोकर चुंबक पर रख दें तो वह इधर उधर नही बिखरेंगीं और धागे के बंधन में बंधी रहेंगी। हमारी आत्मा वो ही चुंबक है, और सुइयां हमारे कर्म जो धागे रुपी बंधन में आबद्ध होकर चुंबक रूपी आत्मा से चिपकी रहती हैं। जिस तरह चुबंक पर से सुइयों को हटाने के लिये धागे को तोड़ना पड़ता है। उसी तरह कर्म रूपी बंधनों आत्मा से अलग करने के लिये आलोचना युक्त बल लगाकर  उस बंधन को तोड़ना पड़ता है।

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