Social Sciences, asked by Paddy6726, 1 year ago

किस प्रकार निरक्षरता, असमानता तथा गरीबी भारतीय लोकतन्त्र के क्रियाशीलन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं?

Answers

Answered by vivektripathi1234
0

Answer:

भारत में निरक्षरता

संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक संगठन (यूनिस्को) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा 287 लाख अशिक्षित वयस्कों की संख्या है। ये आँकड़े देश में शिक्षा के क्षेत्र में चौका देने वाली असमानता की ओर इशारा करते हैं। वर्ष 1991 से 2006 तक अशिक्षा का स्तर 63% तक बढ़ा है। एक उच्च साक्षरता किसी भी राष्ट्र को वैश्विक मंच पर अन्य राष्ट्रों के साथ बराबरी पर लाने के लिये अनिवार्य आवश्यकता होती है। कोई भी राष्ट्र स्थिर आर्थिक दर किन्तु नीची साक्षरता दर के साथ होनहार राष्ट्र नहीं माना जाता। आखिरकार शिक्षा नागरिकों को सुनिश्चित किया जाने वाला मौलिक अधिकार है। इसके अलावा, इस पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है कि भारत वो देश है जहाँ असमानता इस हद तक है कि एक राज्य ने 90% से ज्यादा साक्षरता दर को प्राप्त कर लिया है और वहीं दूसरी तरफ, ऐसे राज्य भी है जहाँ साक्षरता दर अभी भी निराशाजनक है।

साक्षरता क्या है?

साक्षरता को सीखने और पढ़ने की क्षमता के रुप में परिभाषित किया जा सकता है। ये एक उभरती अवधारणा है जो न केवल मुद्रित पाठ को अच्छे से समझने की क्षमता पर बल्कि साथ में दृश्य संस्थाओं और तकनीकी जागरुकताओं पर भी जोर डालती है। ये एक बहुआयामी अवधारणा है जो वैश्विक दुनिया में विकास के सन्दर्भ में इसके नये मानकों को जोड़ने पर लगी रहती है।

यूनिस्को के अनुसार, “साक्षरता पहचानने, समझने, टोकने, निर्माण करने, वार्तालाप करने और अलग-अलग संदर्भों के साथ जुड़े मुद्रित और लिखित सामग्री के प्रयोग से गणना करने की क्षमता है। साक्षरता में एक सामर्थकारी व्यक्ति में अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये अपने ज्ञान और संभावित विकास और पूरी तरह से अपने समुदाय और बाहरी समाज में भाग लेने के लिये सीखने की निरंतरता शामिल है।”

भारत में अशिक्षा के कारण

भारत मे अशिक्षा एक समस्या है जो इससे जटिल आयामों के साथ जुड़ी हुई है। भारत में अशिक्षा उन विभिन्न असमानताओं के आयामों में से एक है जो देश में अस्तित्व में है। यहाँ लिंग असमानता, आय असमानता, राज्य असंतुलन, जाति असंतुलन और तकनीकी बाधाएं है जो देश में साक्षरता की दर को निर्धारित करती है। भारत के पास सबसे बड़ी निरक्षर आबादी है। 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की साक्षरता 82.14% और 65.46% महिलाओं की साक्षरता है। कम महिला साक्षरता भी लिखने और पढ़ने की गतिविधियों के लिये महिलाओं के पुरुषों पर निर्भर रहने के लिये जिम्मेदार है। इस प्रकार इसने एक दुष्चक्र का रुप ले लिया है।

फिर ये कोई नयी अवधारणा नहीं है कि धनवानों के पास गरीबों से बेहतर शैक्षिक सुविधाएं है। निर्धन व्यक्ति कुशलता और ज्ञान की कमी के कारण अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिये स्वंय को अकुशल मजदूर के कार्यों में शामिल रखते हैं। इस प्रकार उनका ध्यान शिक्षा प्राप्त करने के स्थान पर आय अर्जित करने पर केन्द्रित हो जाता है जिससे कि वो समाज में जीवित रहने के लिये सक्षम हो सके। वो राज्य, जो शिक्षा पर अधिक खर्च करते हैं, उन राज्यों के मुकाबले में उच्च साक्षरता दर को रखते हैं जो शिक्षा पर कम खर्च करते हैं। इस मामले में केरल एक ऐसा ही राज्य है। इस राज्य ने प्रत्येक सदस्य पर 685 डालर खर्च किये हैं जो इसका शैक्षिक स्तर भी बताता है।

Explanation:

I Hope you like the answer

Please mark as Brainliest answer

I need it for rank increase!!!

Similar questions