किसी पुष्प में दृष्टिगत विभिन्न जनन की अवस्थाएँ
(a) अकुर, युग्मनज, भ्रूण, युग्मक
(b) युग्मनज, भ्रूण, अंकुर, युग्मक
(c) युग्मक, युग्मनज, भ्रूण, अकुर
(d) भ्रूण, युग्मक, युग्मनज, अकुर
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Answer:
1.युग्मक दो प्रकार के होते हैं – नर और मादा। युग्मनज निषेचन का उत्पाद है : निषेचन के दौरान नर और मादा युग्मक परस्पर संलीन हो जाते हैं। युग्मनज अगली पीढ़ी की पहली कोशिका होती है। यह विभाजित होकर एक भ्रूण बनाती है जो बाद में वृद्धि करके एक नयी व्यष्टि का रूप ले लेता है।
2.युग्मक दो प्रकार के होते हैं – नर और मादा। युग्मनज निषेचन का उत्पाद है : निषेचन के दौरान नर और मादा युग्मक परस्पर संलीन हो जाते हैं। युग्मनज अगली पीढ़ी की पहली कोशिका होती है। यह विभाजित होकर एक भ्रूण बनाती है जो बाद में वृद्धि करके एक नयी व्यष्टि का रूप ले लेता है।
3.युग्मक दो प्रकार के होते हैं – नर और मादा। युग्मनज निषेचन का उत्पाद है : निषेचन के दौरान नर और मादा युग्मक परस्पर संलीन हो जाते हैं। युग्मनज अगली पीढ़ी की पहली कोशिका होती है। यह विभाजित होकर एक भ्रूण बनाती है जो बाद में वृद्धि करके एक नयी व्यष्टि का रूप ले लेता है।
4.मुर्गी अंडप्रजक होती हैं जिनमें आंतरिक निषेचन होता है। निषेचित अंडा शरीर के भीतर परिवर्धित होकर भ्रूण बन जाता है। हालांकि भ्रूण से बने चूज़े का परिवर्धन मादा मुर्गी के शरीर के बाहर होता है। ... शुक्राणु और अंडे के केंद्रक संलीन होकर एक एकल केंद्रक बना देते हैं जिसके फलस्वरूप निषेचित अंडा अथवा युग्मनज बन जाता है।
वृषण नर युग्मक उत्पन्न करते हैं जिसे शुक्राणु कहते हैं। - अंडाणु एवं शुक्राणु का संलयन निषेचन कहलाता है। निषेचित अंडा युग्मनज कहलाता है। ... २ युग्मनज में अनेक विभाजन होते हैं तथा भ्रूण बनता है।