किसी पौधे की फूल या बिना फूल वाली ढाणी में जल के परिवहन का निरीक्षण करना
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पराग पौधे द्वारा संश्लेषित शर्करा युक्त तरल पदार्थ है। सामान्यतः इसका निर्माण फूल में होता है। ये हमिंगबर्ड, तितलियों तथा कई कीट पतंगो के खाद्य पदार्थ है। आर्थिक रूप से भी यह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मधुमक्खियां इसी से मधु का निर्माण करती हैं। फूल के अलावा यह पौधे के अन्य भागों जैसे पत्तियों तथा फ्लोएम ऊतकों में भी निर्मित होते हैं। कुछ कीट भक्षी परजीवी पौधे इसका उपयोग कीट पतंगो को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए करते हैं। पराग का उपयोग परागण में होता है। पौधे द्वारा परागण की व्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि किस तरह से परागण को इस्तेमाल किया जाता है। अधिकांश फूल अपने परागण के तरीके को लेकर मोटे तौर पर दो समूहों में विभाजित किए जा सकते हैं।
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Concept:
पौधों में जल का परिवहन एक विशेष प्रकार के ऊतक, जिसे ज़ाइलम कहते हैं|
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किसी पौधे की फूल या बिना फूल वाली ढाणी में जल के परिवहन का निरीक्षण करना
Given:
किसी पौधे की फूल या बिना फूल वाली ढाणी में जल के परिवहन का निरीक्षण करना
Explain:
जंतुओं की तरह पेड़ तथा पौधों को जीवित रहने के लिए विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यक्ता होती है. इन पोषक तत्वों का पेड़ तथा पौधों के सभी भागों में पहुँचना अनिवार्य होता है चाहे जड़ें हो, टहनियां, पत्तियां आदि. पेड़ या पौधों के पूरे भाग को जल तथा अन्य खनिन, मिट्टी से प्राप्त होते है, जिसे जड़ के द्वारा अवशोषित कर विभिन्न भागों तक पहुँचाया जाता है. वहीं दूसरी ओर पेड़ तथा पौधों के द्वारा पत्तियों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा भोजन बनाया जाता है, जिसे पत्तियों से पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाया जाता है.
पेड़ तथा पौधों में परिवहन के लिये दो तरह के ऊतक होते हैं: ये हैं जाइलम तथा फ्लोएम, ये दोनों ऊतक मिलकर पौधों में विभिन्न पदार्थों को जड़ (Root) से विभिन्न भागों तक तथा पत्तियों से जहाँ पर पौधों द्वारा भोजन तैयार किया जाता है, से पोषक तत्वों को विभिन्न भागों तक पहुँचाते हैं, अर्थात परिवहन करते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि कैसे पौधों में जल का परिवहन होता है, किस ऊतक की मदद से जल पौधों में पहुंचता है आदि|
दारु या जाइलम पौधों में पाये जाने वाले दो संवहन ऊतको में से एक है ( दूसरा संवहन ऊतक फ्लोएम है ) । जाइलम एक ऐसा जटिल स्थाई ऊतक है जो संवहन बंडल के अन्दर पाया जाता है। जाइलम जल के संवहन में प्रमुख भूमिका अदा करता है। रसारोहण की क्रिया जाइलम के भीतर से होती है। इसका निर्माण चार प्रकार की कोशिकाओं से हुआ है।
• वाहिनिकाएँ
• वाहिकाएं
• जाइलम तन्तु
• जाइलम मृदूतक
#SPJ2