Hindi, asked by suryaprakash2041, 1 year ago

किसी पर्वतीय स्थान का वर्णन करते हुए अपने पिता जी को पत्र लिखें ।

Answers

Answered by rachitsainionline
8

दिनांक_______

राज्य का नाम _____

प्रिय मित्र,____

मेरा सप्रेम नमस्कार।।

मैं यहाँ अच्छी हूँ । आशा है तुम भी कुशल होगे । आज मैं तुम्हे इस पत्र के द्वारा एक रोमांनचक यात्रा के बारे मे बताने जा रही हूँ! हमारे स्कूल से उत्तराँचल स्थित 'बारसू' के पहाड़ों पर जाने का अवसर मुझे मिला। माता-पिता की अनुमति और पंद्रह दिन बाद होने वाली पर्वतारोहण की यात्रा ने मेरी रातों की नींद उड़ा दी। निश्चित दिन हम स्कूल के ग्राउंड में एकत्रित हुए। मेरे साथ मेरी कक्षा के चार सहपाठी और भी थे। हम सभी कुल मिलाकर पचास बच्चे थे। निश्चित समय पर स्कूल से बस रवाना हुई। सफर रात का था और हम सुबह आठ बजे अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचने वाले थे।

रास्ते में मित्रों के साथ बहुत सी बातें की, गाने सुने और न जाने क्या-क्या मज़ेदार कार्य किए। सबुह निश्चित समय पर हम अपने गंतव्य में पहुँच गए। जैसे ही मैंने बस के बाहर कदम रखा मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं। आँखों के समक्ष बर्फ़ से ढके पहाड़ अद्वितीय लग रहे थे। हल्की मीठी ठंड ने मेरे शरीर में सिहरन पैदा कर दी और मेरा मन प्रसन्नता से भर गया। चारों ओर ऐसा प्रतीत होता था मानो प्रकृति ने अपने खजाने को बिखेर दिया हो। चारों ओर मखमल-सी बिछी घास हमें अपने पास बुला रही थी।

बड़े और ऊँचे-ऊँचे वृक्ष ऐसे प्रतीत होते थे मानो सशस्त्र सैनिक उस रम्य वाटिका के पहरेदार हों। जहाँ भी आँखें दौड़ाओ वहीं सौंदर्य का खजाना दिखाई देता था। ये पर्वतीय क्षेत्र हमारे मैदानी जीवन के दाता हैं।

वर्षा के पानी को रोकना तथा बर्फ़ बना उसे भविष्य के लिए जमा करके रखना इन्हीं पर्वतों का काम है। पर्वतीय स्थलों की विशेषथा और वहाँ की सुंदरता हम सबके बीच बातचीत का विषय बन गई।  फिर हमने वहाँ स्थित कई मंदिर, सूर्योदय स्थान और बहुत ही रमणीय स्थल देखें।

एक सप्ताह की यात्रा के उपरांत हम सभी वापिस घर लौटे। काफी समय तक इस यात्रा रोमांच हमें रोमांचित करता। यह स्थान बहुत ही सुंदर और रोमांचकारी था।अकंल और आंटी को मेरा नमस्कार । विशेष अगले पत्र में। तुम्हारे पत्र का इंतजार रहेगा !!

❇️तुम्हारa प्रिय मित्र। ❇️

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☺️धन्यवाद।☺️

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