किसी राज्य की विधानसभा में खाली स्थान से अधिक स्थान नहीं हो सकते हैं
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भारत में केंद्र सरकार के समान राज्यों में भी संसदीय व्यवस्था अर्थात विधानमण्डलों की व्यवस्था को अपना गया है। मूल संविधान में अधिक जनसँख्या वाले राज्यों में द्विसदनीय और अन्य राज्यों में एक सदनीय विधानमण्डलों की व्यवस्था का प्रावधान किया गया था। परन्तु कुछ राज्यों यथा – आंध्र प्रदेश, तमिनलाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने विधान परिषद् की आवश्यकता को अनावश्यक समझा। तो संसद ने अनुच्छेद – 169 के तहत उन प्रदेशों के विधान परिषदों को समाप्त कर दिया। इसी अनुच्छेद के तहत किसी राज्य में विधान परिषद् का सृजन जा सकता है। इसी आधार पर 4 अप्रैल 2007 को आंध्र प्रदेश के विधान परिषद् का पुनर्गठन कर लिया गया।
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