किस राजपूत ने घासयुक्त ,
रोटी जंगल में खायी थी ?
Answers
महाराणा प्रताप ने घासयुक्त रोटी जंगल में खायी थी |
महाराणा प्रताप के बारे में
- जन्म 9 मई 1540
- निधन 19 जनवरी 1597
- महाराणा प्रताप का प्रथम राज्य अभिषेक 28 फरवरी 1572 में गोगुंदा में हुआ |
- हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 में अकबर और महाराणा प्रताप के मध्य |
- हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के सेनापति हकीम खां सूरी थे और मुगल सेना के सेनापति मानसिंह और आसिफ खाँ थे |
- दिवेर का युद्ध 1582 में महाराणा प्रताप और मुगलों के बीच हुआ | इसे मेवाड़ का मैराथन भी कहा जाता है |
महाराणा प्रताप का ‘अग्रगामी’ तथा ‘मारवाड़े का प्रताप’ किसे कहा जाता है?
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उस राजपूत राजा का नाम था... महाराणा प्रताप।
जिसने जंगल में घास की रोटी खाई थी।
Explanation:
महाराणा प्रताप जिनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था। वे मेवाड़ रियासत में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। जिनका नाम इतिहास में वीरता और अपने जुझारू संघर्ष के लिए अमर है। उन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ अपनी अपनी मेवाड़ रियासत के स्वाभिमान के लिए संघर्ष किया। महाराणा प्रताप की मेवाड़ रियासत पर अकबर ने अपनी कुदृष्टि डाली हुई थी और वह इस रियासत को मुगल साम्राज्य में मिलाना चाहता था।
महाराणा प्रताप अपनी रियासत की रक्षा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थे। इसी कारण महाराणा प्रताप और अकबर की सेना के बीच कई बार युद्ध हुए। जिसमें कभी किसी पक्ष तो कभी किसी पक्ष को हार-जीत मिलती रही। एक महाराणा प्रताप युद्ध में हार गए और उन्हें जंगलों में अपने परिवार के साथ भटकना पड़ा तब कहते हैं कि उन्होंने अपने और अपने परिवार के पेट पालन हेतु घास की रोटी बनाकर खाई थी।