Hindi, asked by sparky88, 10 months ago

किसी रोमांचक यात्रा का वर्णन​

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Answered by princera7
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Answer:

हम सभी अपनी गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए किसी न किसी पर्यटन स्थल पर अवश्य जातें हैं। मैं भी अपनी गर्मी आ हफ्ते की छुट्टियां बिताने के लिए पर्वतीय स्थल शिमला गया था ताकि मैं गर्मी के मौसम में भी ठंडक का आनंद ले सकूँ। मैं और मेरा परिवार शाम की बस से शिमला गए और पहाड़ो में बना रास्ता हमें डरा रहा था। हमने रास्ते में घर का बना खाना खाया, गाने गाए और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया। हम रात के 9 बजे शिमला पहुंचे जहां हमने थोड़ा सा विश्राम कर माल रोड घूमा जिसकी शोभा रात के समय में दौगुनी हो जाती है।

अगले दिन हम सब तैयार होकर जाखू मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने गए और नीचे उतरकर रीज में गए। इस समय तक हल्की हल्की बारिश होने लगी जिसने ठंडे मौसम को ओर अधिक ठंडा कर दिया था। हम उस दिन शाम को कुफरी के लिए निकल गए जहाँ पर बर्फ पड़ रही थी। अगले दिन हमने स्कींग का आनंद लिया, चिड़ियाघर देखा और बर्फ में खूब खेले। हमारा वहां इतना मन लगा कि हमने वहीं दो दिन व्यतीत करे। उसके बाद हम शिमला वापिस आए और वहां की संस्कृति और संग्रहालय देखा। अगले दिन हम वापिस घर के लिए निकले और हमारे दिल में यात्रा की यादें थी। वह मेरी आज तक की सबसे बेहतरीन यात्रा थी।

किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध – Yatra Vritant in Hindi Essay ( 400 words )

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसे विभिन्न स्थानों का भ्रमण करना और वहाँ की संस्कृति के विषय में जानना बहुत अच्छा लगता हैं। इस बार गर्मी की छुट्टियों में मैंने भी अपने परिवार के साथ किसी पर्वतीय स्थल पर घुमने की योजना बनाई और तभी मेरे मित्र ने सुझाव दिया कि आप गर्मी की छुट्टियों में भ्रमण के लिए शिमला जा सकते हैं जो कि बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है और हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। हम सबको उनका सुझाव पसंद आया और हम यात्रा की तैयारी में लग गए। हमने शिमला बस में जाने का निर्धारित किया। निर्धारित दिन हमने शाम के समय शिमला की बस ली और शिमला के लिए निकल पड़े। पहाड़ो में बने रास्ते जहाँ एक तरफ डरा रहे थे वहीं दूसरी तरफ आनंद को भी दौगुना कर रहे थे। गाने गाते और गाने सुनते सुनते हम कब शिमला में प्रवेश कर गए हमें पता ही नहीं चला।

हम रात के 8 बजे लंबा सफर तय कर शिमला पहुंचे जहां पर हमें गर्मी में भी ठंडक का अहसास हुआ। वहाँ के लोगों ने पहाड़ी वेशभूषा पहन रखी थी और घर आधुनिक तरीके से बने हुए थे। वहाँ पर पेड़ तरह तरह के सुंदर रंग बिरंगे फूलों से लदे हुए थे। हमने थोड़ी देर आराम कर माल रोड की चकाचौंध को देखना प्रारंभ किया जो कि रात के समय दौगुनी हो जाती है। अगले दिन हम तैयार होकर जाखू मंदिर जो कि हनुमान जी का मंदिर है उसके दर्शन के लिए निकले। जाखू मंदिर में हनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्ति है। मंदिर की चढ़ाई करते वक्त हमने उसकी प्रसिद्धि और मान्यताओं के विषय में जाना। दर्शन के बाद हम नीचे माल रोड पर आए और रीज गए। उसके बाद हमने पूरा दिन शिमला के संग्रहालयों को देखने में व्यतीत कर दिया।

अगले दिन हम कुफरी के लिए निकले जहाँ हमने दो दिन व्यतीत किए। वहाँ हमने बहुत सी क्रीडाएँ करी और प्रकृति के असली सौंदर्य का आनंद लिया। सुबह हिमालय की पहाड़ियों में उदय होती सूर्य की किरणें, पक्षियों की चहचाहट और शांत वातावरण बहुत ही सुखदायक था। दो दिन कुफरी रहने के बाद हम वापिसी अपने घर आने के लिए निकले। हम हब थक चुके थे और सबके दिलों में बिताए गए चार दिनों की यादें थी। शाम तक हम सब घर पहुंच गए। शिमला की यात्रा हमारे जीवन की सबसे यादगार यात्रा थी जिसकी यादें आज भी हमारे दिल में जिंदा है।

Mark As Brainaliest

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