(क) संसार में ऐसे मनुष्य भी होते हैं, जो अपने आमोद-प्रमोद के आगे किसी की जान की भी परवाह नहीं करते, शायद उसे अब भी विश्वास न आता था। सभ्य समाज इतना निर्मम, इतना कठोर है, इसका मर्मभेदी अनुभव अब तक न हुआ था। वह उन पुराने जमाने के जीवों में था, जो लगी हुई आग को बुझाने, मुर्दे को कन्धा देने, किसी के छप्पर को उठाने और किसी कलह को शान्त करने के लिए सदैव तैयार रहते थे। | (ii) पुराने जमाने के लोग कैसे होते थे? (iii) गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
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पुराने जमाने के जीवों का व्यवहार सरलता से परिपूर्ण होते हैं
यह मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘मंत्र’ नामक कहानी से अवतरित है। इसमें लेखक ने विरोधी घटनाओं और भावनाओं के चित्रण द्वारा कर्तव्य का बोध कराया है
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