किसी समाचार- प्रत्र के सयपादक
को पत्र लिखकर महिला के प्रति बढते अपराधों पर चिंता व्यक्त कीजिका
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sorry I don't know hindi
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महोदय/महोदया,
भारत सरकार, महिलाओं की रक्षा करने और विशेष रूप से उनके प्रति अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक उपाय किए जाने के लिए जरुरी कदमों के संबंध में समय-समय पर राज्यक सरकारों को सलाह जारी करती रही है। इस संबंध में महिलाओं के प्रति अपराध के विशेष संदर्भ में इससे पहले जारी किए गए दिनांक 17.4.1995 के अ.शा.पत्र सं. 15018/214/94-जीपीए-VI, दिनांक 12.9.1996 के पत्र सं. 24013/65/96-जीपीए- VI, दिनांक 18.3.1997 के पत्र सं. 15018/214/96-जीपीए- VI, दिनांक 6.10.97 के पत्र सं. 24013/84/97-जीपीए- VI., दिनांक 8/11.9.1998 के पत्र सं. 24013/50/98-जीपीए- VI और दिनांक 19/26.3.2002 के पत्र सं. 24013/83/2001-जीपीए- VI का संदर्भ लें। इन सलाहों में अन्य बातों के साथ-साथ पुलिस कार्मिकों को महिलाओं के प्रति सुग्राही बनाना, महिलाओं के प्रति हिरासती हिंसा में दोषी पाए गए सरकारी कर्मचारी को तत्काल और सेल्यूटरी दंड देने के लिए उचित उपाय अपनाना, महिलाओं की हत्या, बलात्कार और उत्पी ड़न की जांच-पड़ताल में कम से कम समय लगाना और इसकी गुणवत्ता में सुधार करना, जिन जिलों में ‘महिलाओं के प्रति अपराध प्रकोष्ठ‘ नहीं हैं वहां इनकी स्थापना करना, पीड़ित महिलाओं को पर्याप्त संख्या में परामर्श केन्द्र और आश्रय गृह प्रदान करना, विशेष महिला अदालतें स्थापित करना और पीड़ित महिलाओं के कल्याण और पुनर्वास के लिए विकसित योजनाओं की प्रभावकारिता में सुधार करना जिसमें आय अर्जित करने पर विशेष जोर दिया जाए ताकि महिलाओं को और अधिक स्वतंत्र और आत्म-निर्भर बनाया जा सके।
उक्त सलाहों के माध्यम से राज्या सरकारों से यह अनुरोध भी किया गया था कि वे महिलाओं के सामने आ रही समस्याओं को निपटाने में तंत्र की प्रभावकारिता की विस्तृत समीक्षा करें और कानून और व्यवस्था तंत्र की जिम्मेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उचित उपाय करें। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ राज्यों ने इस संबंध में कुछ उपाय किए हैं। तथापि, महिलाओं के प्रति अपराध के संबंध में इस मंत्रालय में उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि इन उपायों को और सुदृढ़ बनाए जाने की जरुरत है ताकि महिलायें सुरक्षित महससू कर सकें, मानवाधिकारों का उपयोग कर सकें और जिस गौरव और सम्मानित जीवन जीने की वे पात्र हैं उसे जी सकें।