कासां शिक्षायै रमाबाई स्वकीयं जीवनम् अर्पितवती?
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नारीणां शिक्षायै रमाबाई स्वकीयं जीवनम् अर्पितवती।
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Answer:
रमाबाई या पंडिता रमाबाई सरस्वती एक महान भारतीय महिला और एक सामाजिक सहायक और भारत में एक सुधारक थीं, वह महिलाओं को अपने आश्रम में उचित शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर रही थीं, वे महिलाओं को सिखाती हैं और उन्हें अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रेरित करती हैं।
उसके अन्य जीवन के बारे में:
पंडिता रमाबाई सरस्वती का जन्म 1858 में 1858 को कनारा में हुआ था पाँच अप्रैल 1922 को बॉम्बे प्रेसीडेंसी में उनका निधन हो गया, उन्होंने चेल्टेनहैम लेडीज़ / वीनस कॉलेज नामक एक लेडीज कॉलेग्स में भी अध्ययन किया।
अतिरिक्त जानकारी:
- वह भारत की सबसे बड़ी महिला थीं।
- वह एक समाज सुधारक और सहायक थीं।
- उसने अपनी शिक्षा में महिलाओं की मदद की।
- उसके पास एक आश्रम था और वह महिलाओं को सिखाती थी।
- उन्हें संस्कृत में महान महिला माना जाता है।
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