Hindi, asked by vijayprakashsahay, 3 months ago

किसी शैक्षणिक यात्रा पर 200 से 250 शब्दों में निबंध लेखन?​

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Answered by Itzcutemiles
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Answer:

शैक्षणिक यात्रा – एक यात्री –

दिलीप अधिकारी

भ्रमण मनुष्य जीवन का एक अभिन्न अंग है। एक ही स्थान पर बहुत समय तक रहने से हम ऊब जाते हैं, नए-नए स्थानों पर जाने की इच्छा होती है। जब हम नए-नए स्थानों पर जाते हैं, तो वहाँ विविध वस्तुओं से परिचय होता है। हमारा ज्ञानवर्धन होता है। मन भी प्रसन्न होता है। हम जीवन में केवल पुस्तकों से ही नहीं, अपितु अन्य भी बहुत से माध्यम हैं, जिनसे सीखते हैं। उन्हीं माध्यमों में भ्रमण भी शिक्षा का एक अच्छा माध्यम है। जिन-जिन जगहों पर हम जाते हैं, वहाँ-वहाँ के लोगों की संस्कृति, परमपराएँ, खानपान, वेशभूषा, रहन-सहन आदि का पता चलता है। अलग-अलग प्रकार के शिष्टाचारों का ज्ञान होता है। भ्रमण में विभिन्न स्वभाव वाले मनुष्यों से मिलन होता है, उनके व्यवहारों को देख कर हम बहुत कुछ सीखते हैं। भ्रमण से सृष्टि की विविधता का बोध होता है। विविध वनस्पतियाँ, नदी, पर्वत, झील, मन्दिर, महल इत्यादि वस्तुओं को देखकर मन नवीनता का अनुभव करता है।भ्रमण से वर्तमान की सामाजिक परिस्थितियों का ही नहीं, किन्तु विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों को देखकर हम पुरानी सभयता, कला, संस्कृति एवं परमपराओं के बारे में भी ज्ञान प्राप्त करते हैं। भ्रमण में हमें विभिन्न परिस्थितियाँ प्राप्त होती हैं। उन सब में सामञ्जस्य करना होता है। संग में यात्रा हो तो उसका भी अलग ही अनुभव होता ह

हमलोगों का गुरुकुल ऋषि उद्यान की तरफ से 21 से 27 सितमबर तक राजस्थान के कुछ जिलों का शैक्षणिक भ्रमण हुआ। भ्रमण में गुरुकुल के ब्रह्मचारी एवं आचार्यगण सममिलित थे। कुल यात्रियों की संखया 37 थी । उस यात्रा से सबन्धित कुछ जानकारियाँ और अनुभव आप के समक्ष प्रस्तुत हैं।

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