किसी शहर में एक नट मण्डली आई हुई थी. लोग भीड़ लगाकर नट के करतब देख रहे थे. भीड़ में दो चोर भी थे. उन्होंने देखा कि नट एक पतली सी रस्सी पर बड़े ही आराम से बिना किसी सहायता के चल रहा है. दोनों चोरो ने सोचा कि यदि यह नट हमारे साथ आ जाये तो चोरी करने में बड़ी सहायता मिलेगी. यह सोचकर दोनों चोरों ने नट से बात की. नट ने उन्हें मना कर दिया. चोर उसे बाँधकर अपने साथ ले गए, और रात में एक सेठ की हवेली के नीचे ले जाकर चाकू दिखाते हुए कहा “इस मुंडेर पर चलकर तुम अंदर जाकर दरवाजा खोलो”. मुंडेर इतनी पतली थी कि उस पर कोई इंसान तो क्या कोई छोटा जानवर भी नहीं चल सकता था. चोर उस पर चढ़ा और एक कदम चलकर धड़ाम से नीचे गिर पड़ा. दोनों चोर चिल्लाते हुए बोले “तमाशा दिखाते हुए तो तुम पतली सी रस्सी पर चल रहे थे, यहाँ कैसे गिर पड़े? ” चोर मासूमियत से बोला “ढोल बजाओ ढोल, क्योंकि मैं ढोल बजने पर ही रस्सी पर आराम से चल पाता हूँ. ” नट क़ी बात सुनकर चोरों ने अपना सिर पीट लिया.
उपर्युक्त अपठित गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1- शहर में कौन सी मंडली आई थी?
क-भजन मण्डली ख-नाटक मण्डल ग-बाल मण्डली घ-नट मण्डली
प्रश्न 2-नट किस पर बड़े आराम से चल रहा था?
क-एक पतली सी रस्सी पर ख-मोटे डंडे पर ग- मुंडेर पर घ-पतले तार पर
प्रश्न 3-बताइए कि चोरों ने क्या सोच कर नट से बात की?
प्रश्न 4- नट के मना करने पर चोरों ने उसके साथ कैसा बर्ताव किया?
प्रश्न 5 -गद्यांश में आये विशेषण शब्द लिखिए. (कोई दो
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Answers
Answer:
उत्तर 1. -पत्र
उत्तर 2-घ
उत्तर 3-क
उत्तर 4 - यदि यह नट हमारे साथ आ जाए तो चोरी करने में बड़ी सहायता मिलेगी | यह सोचकर दोनों चोरों ने नट से बात की |
उत्तर 5-नट के मना करने पर चोर उसे बाँधकर अपने साथ ले गए |
उत्तर 6- विशेषण १- पतली २- छोटा
Answer:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
किसी शहर में एक नट मण्डली आई हुई थी. लोग भीड़ लगाकर नट के करतब देख रहे
थे. भीड़ में दो चोर भी थे. उन्होंने देखा कि नट एक पतली सी रस्सी पर बड़े ही आराम
से बिना किसी सहायता के चल रहा है. दोनों चोरो ने सोचा कि यदि यह नट हमारे साथ
आ जाये तो चोरी करने में बड़ी सहायता मिलेगी. यह सोचकर दोनों चोरों ने नट से बात
की. नट ने उन्हें मना कर दिया. चोर उसे बाँधकर अपने साथ ले गए, और रात में एक
सेठ की हवेली के नीचे ले जाकर चाकू दिखाते हुए कहा “इस मुंडेर पर चलकर तुम
अंदर जाकर दरवाजा खोलो". मुंडेर इतनी पतली थी कि उस पर कोई इंसान तो क्या
कोई छोटा जानवर भी नहीं चल सकता था. चोर उस पर चढ़ा और एक कदम चलकर
धड़ाम से नीचे गिर पड़ा. दोनों चोर चिल्लाते हुए बोले “तमाशा दिखाते हुए तो तुम
पतली सी रस्सी पर चल रहे थे, यहाँ कैसे गिर पड़े?" चोर मासूमियत से बोला “ढोल
बजाओ ढोल, क्योंकि मैं ढोल बजने पर ही रस्सी पर आराम से चल पाता हूँ." नट क़ी
बात सुनकर चोरों ने अपना सिर पीट लिया.
प्रश्न 1-शहर में कौन सी मंडली आई थी?
प्रश्न 2-नट किस पर बड़े आराम से चल रहा था?
प्रश्न 3-बताइए कि चोरों ने क्या सोच कर नट से बात की?
प्रश्न 4-नट के मना करने पर चोरों ने उसके साथ कैसा बर्ताव किया?