कंसातील सुचनेनुसार वाण्यरूपांत्य करा :
सर्वाती संगत ने हाते आतार्थी
करा.
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Answer:
Explanation:
(प्रारंभिक परीक्षा : भारतीय राज्यतंत्र और शासन –लोकनीति और अधिकार सम्बंधी मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2एवं3 : सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारन उत्पन्न विषय, उदारीकरण का अर्तव्यवस्था पर प्रभाव तथा औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव)
चर्चा में क्यों?
दिवालियापन और शोधन अक्षमता सहिंता(Insolvency and Bankruptcy Code -IBC)में दिवालियापन की प्रक्रिया से सम्बंधित कई नए सुधार किये गए हैं, जिनकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना समय की माँग है।
सहिंता से आए परिवर्तन
दिवालिया और शोधन अक्षमता सहिंता ने पूर्व के अशक्त दिवालियापन कानून को प्रतिस्थापित किया है, जिसने भारत में दिवालियापन प्रक्रिया में उल्लेखनीय सुधार किया है। इस सहिंता ने फर्मों या कम्पनियों के परिसमापन के बजाय निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत कम्पनियों की समाधान प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है।
इस सहिंता ने निवेशकों के विश्वास में वृद्धि की है तथा घरेलू एवं विदेशी मुद्रा प्रवाह को गतिशीलता प्रदान की है।
इस सहिंता के प्रावधान लचीले और गतिशील दोनों हैं। इसलिये यह सहिंता अधिक प्रभावशील हो पाई है|
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