कंस्ट्रक्ट ए ट्रायंगल एबीसी इन विच बी सी 8 सेंटीमीटर एंड बी एंगल 40 डिग्री एंड ए बी माइनस सी इज इक्वल टू 3.5 सेंटीमीटर
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A) मुख्य अवधारणाएं और परिणाम
केवल रेखाखंडों से बना एक सरल बंद वक्र एक बहुभुज कहलाता है।
एक बहुभुज का विकर्ण उसके दो अक्रमागत शीर्षों को जोड़ने वाला रेखाखंड होता है।
एक उत्तल बहुभुज वह बहुभुज होता है जिसके किसी भी विकर्ण का कोई भाग उसवेफ बहिर्भाग में न आए।
चतुर्भुज एक ऐसा बहुभुज है जिसकी केवल चार भुजाएँ होती हैं।
एक समबहुभुज ऐसा बहुभुज है, जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं तथा सभी कोण भी बराबर होते हैं।
n भुजाओं वाले बहुभुज के अंतःकोणों का योग (n–2) सरल कोणों के बराबर होता है।
एक चतुर्भुज के अंतःकोणों का योग 360° होता है।
एक बहुभुज के एक ही क्रम में लिये गये सभी बहिष्कोणों का योग 360° होता है।
समलंब वह चतुर्भुज है जिसमें सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समांतर होता है।
पतंग वह चतुर्भुज है, जिसमें आसन्न भुजाओं के दो युग्म बराबर होते हैं।
समांतर चतुर्भुज वह चतुर्भुज है, जिसमें सम्मुख भुजाओं का प्रत्येक युग्म समांतर होता है।
समचतुर्भुज वह समांतर चतुर्भुज है, जिसमें आसन्न भुजाएँ बराबर होती हैं।
आयत वह समांतर चतुर्भुज है, जिसका एक कोण 90° होता है।
वर्ग वह समांतर चतुर्भुज है, जिसमें आसन्न भुजाएँ बराबर होती हैं और एक कोण 90° का होता है।
एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं, सम्मुख कोण बराबर होते हैं तथा विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
एक समचतुर्भुज में विकर्ण परस्पर समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं।
एक आयत में विकर्ण बराबर होते हैं।
उपयुक्त पाँच मापनों से एक चतुर्भुत अद्वितीय रूप से निर्धारित हो सकता है।
एक चतुर्भुज की अद्वितीय रूप से