किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को अपने शहर की बसों की बिगड़ती हालत और कुव्यवस्था पर पत्र लिखिए
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दैनिक समाचार पत्र के संपादक को शहर की बसों की बिगड़ती हालत पर पत्र
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय
सिटी टाइम्स
राजनगर (उत्तम प्रदेश)
संपादक महोदय,
हमारे शहर के सिटी ट्रांसपोर्ट की बसों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। ना ही बसों की माली हालत ठीक है और ना ही उनकी सर्विस अच्छी है। कोई बस नियत समय पर नहीं आती। अक्सर किसी रूट की बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है और जब बस आती है, तो तीन-चार बसें एक साथ आ जाती हैं। ड्राइवर और कंडक्टर का व्यवहार भी शालीनता भरा नहीं है। ड्राइवर सवारी ठीक से उतरी या चढ़ी है कि नही ये देखे बिना ही बस चला देता है, इससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। कंडक्टर टिकट देने के लिए अपनी सीट पर बैठा रहता है. ,सवारी के पास टिकट के लिए नहीं जाता। शिकायत करने पर उल्टा-सीधा जवाब देता है। मैंने इस संबंध में परिवहन निगम के अधिकारी को पत्र लिखा है और अब आपके पत्र के माध्यम से भी परिवहन निगम के अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित आकृष्ट कराना चाहूंगा।
एक पाठक,
त्रिलोचन सिंह,
राजनगर (उत्तम प्रदेश)
Answer:
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय
सिटी टाइम्स
राजनगर (उत्तम प्रदेश)
संपादक महोदय,
हमारे शहर के सिटी ट्रांसपोर्ट की बसों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। ना ही बसों की माली हालत ठीक है और ना ही उनकी सर्विस अच्छी है। कोई बस नियत समय पर नहीं आती। अक्सर किसी रूट की बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है और जब बस आती है, तो तीन-चार बसें एक साथ आ जाती हैं। ड्राइवर और कंडक्टर का व्यवहार भी शालीनता भरा नहीं है। ड्राइवर सवारी ठीक से उतरी या चढ़ी है कि नही ये देखे बिना ही बस चला देता है, इससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। कंडक्टर टिकट देने के लिए अपनी सीट पर बैठा रहता है. ,सवारी के पास टिकट के लिए नहीं जाता। शिकायत करने पर उल्टा-सीधा जवाब देता है। मैंने इस संबंध में परिवहन निगम के अधिकारी को पत्र लिखा है और अब आपके पत्र के माध्यम से भी परिवहन निगम के अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित आकृष्ट कराना चाहूंगा।
एक पाठक,
त्रिलोचन सिंह,
राजनगर (उत्तम प्रदेश)
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