किसी धात्विक चालक के प्रतिरोध पर ताप-परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है ?
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1. चालकों पर ताप का प्रभाव (for conductors ) :
हम पढ़ चुके है की चालक के लिए प्रतिरोधकता का सूत्र ρ = m/ne2T से दिया जाता है।
यहाँ
m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
n = इलेक्ट्रोनो की संख्या
e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश
T = विश्रान्तिकाल
यहां m , n तथा e को नियत माना जा सकता है लेकिन T विश्रान्तिकाल ताप पर निर्भर करता है। जैसे जैसे ताप में वृद्धि की जाती है वैसे वैसे चालक के कम्पनों का आयाम व मुक्त इलेक्ट्रॉन की टक्कर की आवृति बढ़ जाती है इसलिए ताप बढ़ाने से T विश्रान्तिकाल का मान घट जाता है और प्रतिरोधकता का मान बढ़ जाता है।
माना 0 डिग्री सेंटीग्रेट ताप पर तथा t डिग्री सेंटीग्रेट ताप पर पदार्थ की प्रतिरोधकता का मान क्रमशः ρ0 and ρt है। तो इनमे निम्न सम्बन्ध होगा
ρt = ρ0 (1 + αt )
यहाँ α एक नियतांक है जिसे प्रतिरोधकता ताप गुणांक तथा इसका मान पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। धात्विक चालकों के लिए प्रतिरोधकता ताप गुणांक का मान धनात्मक होता है।