किस वन में विरोधी स्वभाव वाले प्राणी भी प्रेमपूर्वक रहते हैं ?
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¿ किस वन में विरोधी स्वभाव वाले प्राणी भी प्रेमपूर्वक रहते हैं ?
✎... तपोवन मे विरोधी स्वभाव वाले प्राणी भी प्रेमपूर्वक रहते हैं।
जंगल को परस्पर विपरीत व्यवहार वाले जीव-जंतुओं ने एक तपोवन बना दिया है। तपोवन एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां पर सब लोग प्रेम एवं सद्भाव से रहते हैं। जहाँ पर ऋषि-मुनि तपस्या में लीन रहते हैं और किसी के मन में एक दूसरे के प्रति राग-द्वेष नहीं रहता।
कवि बिहारी जेठ की दुपहरी की प्रचंडता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि इस प्रचंड गर्मी ने जंगल को भी तपोवन बना दिया है, जिसमें सभी विपरीत व्यवहार वाले जीव-जंतु गर्मी से बेहाल होकर आपसी द्वेष बुलाकर एक जगह बैठे हैं। यहां पर हिरण और बाघ एक साथ बैठे हैं, तो सांप और मोर भी एक साथ बैठे हैं। इसलिए प्रचंड गर्मी ने जंगल को तपोवन की तरह बना दिया है, क्योंकि यहाँ पर सभी प्राणी तपोवन की तरह आपसी द्वेष भुलाकर एक साथ बैठे हैं।
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