कांस्य युग की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का वर्णन कीजिए
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कांस्य युग उस काल को कहते हैं जिसमें मनुष्य ने तांबे (ताम्र) तथा उसकी रांगे के साथ मिश्रित धातु कांसे का ...
भारत का कांस्य युग
बींसवी सदी के आरम्भ तक तो सभी पुरातत्ववेत्ताओं का मानना था की वैदिक सभ्यता ही भारत की सबसे पुरानी सभ्यता हैं | पर जब 1921 में दयाराम साहनी के नेतृत्व में हड़प्पा की खुदाई की गयी तो सारी दुनिया की सोच बदल गयी | पता चला की वैदिक नहीं बल्कि सिन्धु घाटी सभ्यता भारत की सबसे पुरानी सभ्यता हैं | भारत में कांस्य युग की अपने आप में सबसे विकसित सभ्यता सिन्धु घाटी सभ्यता थी | जिसका सबसे आधुनिक बसा शहर हड़प्पा उस ज़माने की उत्कृष्ट कला का एक बेहतरीन नमूना हैं | यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि कांस्य युग में सिन्धु घाटी सभ्यता एक विकसित सभ्यता थी |
कांस्य युग उस काल को कहते हैं जिसमें मनुष्य ने तांबे (ताम्र) तथा उसकी रांगे के साथ मिश्रित धातु कांसे का इस्तेमाल किया। इतिहास में यह युग पाषाण युग तथा लौह युग के बीच में पड़ता है। पाषाण युग में मनुष्य की किसी भी धातु का खनन कर पाने की असमर्थता थी। कांस्य युग में लोहे की खोज नहीं हो पाई थी और लौह युग में तांबा, कांसा और लोहे के अलावा मनुष्य कुछ अन्य ठोस धातुओं की खोज तथा उनका उपयोग भी सीख गया था। कांस्य युग की विशेषता यह है कि मनुष्य शहरी सभ्यताओं में बसने लगा और इसी कारण से विश्व की कई जगहों में पौराणिक सभ्यताओं का विकास हुआ। इस युग की एक और ख़ास बात यह है कि विभिन्न सभ्यताओं में अलग-अलग लिपिओं का विकास हुआ जिनकी मदद से आज के पुरातत्व शास्त्रियों को उस युग के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य हासिल होते हैं।
कांस्य युग
कांस्य युग उस काल को कहते हैं जिसमे मनुष्य ने तांबे और रांगे की मिश्र धातु का उपयोग किया करते थे | कांस्य युग की सबसे ख़ास बात यह हैं कि इस युग में मनुष्य ने शहरी सभ्यताओं में बसना शुरू कर दिया था और दुनिया भर में पौराणिक सभ्यताओं का विकास हुआ | इस युग की दूसरी खास बात यह हैं कि सभी पौराणिक सभ्यताओं को लिपि का भी ज्ञान हो गया था | जो आज के पुरातत्व शास्त्रियों को उस युग से जुडी जानकारियाँ हासिल करने में मदद करती हैं | दुनिया भर में कांस्य युग की बहुत सारी सभ्यताएं मिली हैं जिनमे मेसोपोटामिया की सुमेरियन, भारत की मोहनजोदड़ो और हड़प्पा आदि प्रमुख हैं |