क सम्मुख आकत है
प्रश्न 1: निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का हिन्दी में अनुवाद करो-
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क- विश्वस्य उपलब्धासु भाषासु संस्कृतभाषा प्रचीनतमा भाणस्ति । भाषेयं अनेकाषां
भाषाणां जननी मता। प्रचीनयोः ज्ञानविज्ञानयोः निधिः अस्यां सुरक्षितः। संस्कृतस्य महत्वविषये
केनापि कथितम्-'भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।
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उत्तर :
संदर्भ:- प्रस्तुत संस्कृत-गद्यांश हिंदी पाठ्यपुस्तक के वाराणसी पाठ से लिया गया है |
प्रसंग:- इस संस्कृत-गद्यांश में वाराणसी की प्राचीनता और वर्तमान स्तिथी के बारे में बताया गया है |
हिन्दी अनुवाद:- वाराणसी में प्राचीन काल से ही घर-घर में विद्या की दिव्य ज्योति प्रकाशित होती रही है और वर्तमान में भी यहां संस्कृत वाणी की धारा निरंतर प्रवाहित रहती है और लोगों को ज्ञान बढ़ाती है | यहां पर अनेक उच्च कोटि के आचार्य तथा विद्वान के द्वारा वैदिक साहित्य के अध्ययन और अध्यापन में आज भी प्रयासरत हैं वाराणसी में केवल भारतीय नहीं अपितु विदेशो से भी संस्कृत भाषा को पढने के लिए यहां आते हैं और बिना किसी शुल्क के विद्या ग्रहण करते हैं | यहां पर कई विश्विद्यालय जैसे संस्कृत विश्वविद्यालय, हिंदू विश्वविद्यालय, और काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय हैं, जिनमें नवीन और प्राचीन ज्ञान, विज्ञान के विषयों का अध्ययन होता है |