को समझ नहीं पा रहा था. गम्भीर परिस्तित्यों ने उसे बेबस और मजबूर कर दिया था. विश्वेश्वर को श्यामु की मनोदशा , व्यथा और मर्म समझना चाहिए था ANSWER IN DETAIL PLEASE
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