Political Science, asked by shakar1995, 7 months ago

किसने अल्पतंत्र के लौह नियम सिद्धांत 0/1
बनाया​

Answers

Answered by nikunjc971
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Explanation:

स्वल्पतंत्र या 'ओलिगार्की' (Oligarchy) सामाजिक संगठन का वह स्वरूप है जिसमें राजनीतिक शक्ति मुख्य रूप से धनवान अभिजात्य वर्ग के हाथों में होती है। यह धनवान अभिजात्य वर्ग पूरी आबादी का एक छोटा सा हिस्सा होता है और वे अपनी इस राजनीतिक शक्ति का प्रयोग अपने ही वर्ग की हितरक्षा के लिये करते हैं।

Answered by munnahal786
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Answer:

जर्मन समाज वैज्ञानिक रॉबर्ट मिशेल्स ने अल्पतंत्र के लौह नियम सिद्धांत

बनाया​

Explanation:

अल्पतंत्र :

स्वल्पतंत्र या 'ओलिगार्की' (कुलीनतंत्र) सामाजिक संगठन का वह रूप है जो मुख्य रूप से सत्ता से धनवान अभिमंत्रित वर्ग में होता है। इस धनवान वर्ग के सदस्यों में से एक छोटा सा हिस्सा है और वे अपनी राजकीय शक्ति का उपयोग करते हैं।

अल्पतंत्र के लौह नियम :

अल्पतंत्र का लौह कानून" कहता है कि संगठन के सभी रूप, चाहे वे शुरुआत में कितने भी लोकतांत्रिक हों, अंततः और अनिवार्य रूप से कुलीन प्रवृत्तियों को विकसित करेंगे , इस प्रकार सच्चे लोकतंत्र को व्यावहारिक और सैद्धांतिक रूप से असंभव बना देंगे , खासकर बड़े समूहों और जटिल संगठनों में।

राजनीतिक बलों की क्रिया के संबंध में रॉबर्ट मिशेल्स ने 'अल्पतंत्र' लोह सिद्धांत की बात कही है। जर्मन समाज वैज्ञानिक रॉबर्ट मिशेल्स ने अपनी प्रसिद्ध कृति 'पॉलिटिकल पार्टीज' में गुटतंत्र के लौह नियम का निरूपण करते हुए यह विचार व्यक्त किया है कि राजनीतिक दल के सारे निर्णय करने की शक्ति अंततः एक गुरतंत्र के हाथों में आ जाती है। परन्तु आधुनिक राजनीतिक दल अपने गुरतंत्रीय चरित्र को छिपाकर अपने आपको लोकतंत्रीय छद्मवेष में प्रस्तुत करते हैं।

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